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Published : Mar 17, 2021, 6:42 PM IST

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दरभंगा MP ने संसद में कामेश्वर सिंह विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की रखी मांग

सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग की. इसके साथ ही बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडल में एक-एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की भी मांग रखी.

दरभंगा
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दरभंगाः दरभंगा से सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा 2021-22 के दौरान शिक्षा संबंधित विभिन्न मांगों को सदन के माध्यम से सरकार के समक्ष रखा. उन्होंने 34 वर्ष बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बधाई दी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को आत्मनिर्भर व विश्वगुरु बनाने तथा भारतीय मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है.

केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग
वहीं, सांसद ने सीबीएसई में मैथिली भाषा को सम्मिलित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने केंद्रीय विद्यालय के लिए बिहार सरकार द्वारा दिए गए जमीन पर केंद्रीय विद्यालय निर्माण शुरू किए जाने, संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल मैथिली भाषा को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में शामिल किया जाने, ट्रिपल आईटी(IIIT) संस्थान की स्थापना किये जाने और बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडल में एक-एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की.

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मैथिली भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता दिये जाने की मांग
वहीं, सांसद ने मैथिली भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता दिये जाने और बिहार व मिथिला के एक मात्र कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने की मांग की. उन्होंने मिथिला के केंद्र दरभंगा अवस्थित मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के जीणोद्धार हेतु उचित कदम उठाने की मांग की.

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'मैथिली के समुचित विकास के लिए एनडीए सरकार है प्रतिबद्ध'
वहीं, सांसदगोपालजी ठाकुर ने संस्कृत को सर्व शिक्षा अभियान से जोड़ने तथा दरभंगा में आईआईटी और आईआईएम संस्थान के निर्माण करने की मांग को सरकार के समक्ष रखा. उन्होंने कहा 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं. जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 है. मैथिली के समुचित विकास के लिए केंद्र एवं राज्य की एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है.'

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