दरभंगाः जिले के राज परिवार की ओर से शैक्षणिक और उद्योगिक क्षेत्रो में किए गए योगदानों के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है. वर्ष 1910 में कांग्रेस के 25वें अधिवेशन के लिए जब ब्रिटिश हुकूमत ने स्थल देने से मना कर दिया, तो तत्कालीन महाराज ने इलाहाबाद में एक कोठी ही खरीद कर दान कर दिया था. इतना ही नहीं भारत-चीन युद्ध के समय में भी सरकार को एक मन सोना उपलब्ध कराया था.
उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कोरोना वायरस के संकट की इस घड़ी में राज परिवार के ने दानवीरता का परिचय दिया है. उनकी तरफ से अस्पताल को 9 लाख 50 हजार रूपये के दो एभीजी दिए गए हैं.
अस्पताल को सौंपी गई एभीजी मशीन डीएम को सौंपे कागजात
महाराजा कामेश्वर सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट ने कोविड- 19 से पीड़ित मरीजों और अन्य गंभीर मरीजों के उचित ईलाज के लिए सिमेन्स कम्पनी के दो एभीजी मशीनें दरभंगा मेडिकल कॉलेज को दान किया है. इस ट्रस्ट के प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी से मिलकर मशीन के कागजात सौंपे. मशीन डीएमसीएच के आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड में चालू हो चुका है. साथ ही जांच के लिए 2400 किट भी उपलब्ध कराया गया है.
'अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे मदद'
वहीं, महाराजा कामेश्वर सिंह मेमोरियल अस्पताल के सचिव डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि महाराज कामेश्वर सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर सामाजिक सरोकार से जुड़ता जा रहा है. ट्रस्ट के पास उपलब्ध संसाधनों से वह समाज के सबसे अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तियों तक मदद पहुंचाने के लिए तत्पर है. इसी क्रम में ट्रस्ट के ट्रस्टी कुमार राजेश्वर सिंह और कुमार कपिलेश्वर सिंह ने वायरस के संक्रमण से लोगों के इलाज के लिए डीएमसीएच को एभीजी मशीनें दी है.