दरभंगा: स्वर्ण व्यवसायी अपहरण मामले में दरभंगा एसएसपी बाबूराम ने सकुशल रिहा करा दिया. साथ ही 9 अपहर्ता को भी लूट की गाड़ी और अन्य सामानों के साथ मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर लिया है. अपहरणकर्ता अपहृत रमन ठाकुर को छोड़ने के बदले में 5 करोड़ की फिरौती की मांग कर रहा था. लेकिन पुलिस बल की सूझबूझ की वजह से व्यवसाई की रिहा कर लिया गया.
दरभंगा : स्वर्ण व्यवसायी अपहरण मामले में 9 गिरफ्तार, 5 करोड़ मांगी गई थी फिरौती
रमन ठाकुर की बरामदी के बाद दरभंगा के एसएसपी बाबू राम खुद मीडिया के सामने आये और अपहरण के बदले फिरौती में 5 करोड़ रुपये मांग की बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि परिवार के अंदर आने जाने वाले एक करीबी ने ही लाइनर की भूमिका निभाई और एक प्रोफेसनल गैंग के जरिये रमन के अपहरण काण्ड को अंजाम दिया.
स्वर्ण व्यवसाई के परिजनों से 5 करोड़ की मांगी गई थी फिरौती
रमन ठाकुर की बरामदी के बाद दरभंगा के एसएसपी बाबू राम खुद मीडिया के सामने आये और अपहरण के बदले फिरौती में 5 करोड़ रुपये मांग की बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि परिवार के अंदर आने जाने वाले एक करीबी ने ही लाइनर की भूमिका निभाई और एक प्रोफेसनल गैंग के जरिये रमन के अपहरण काण्ड को अंजाम दिया. फिलहाल गैंग के सरदार अजय सिंह सहित 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और भी कई लोगों की पुलिस तालाश कर रही है. बता दें कि पुलिस ने 3 महीने 14 दिन बाद अपहृत स्वर्ण व्यवसाई रमन कुमार के मामले में सफलता हासिल की.
अपहरण में शामिल 9 अपराधी हथियार के साथ गिरफ्तार
एसएसपी ने कहा कि अपराधी इतने शातिर है कि फिरौती की रकम मांगने के बाद अपराधी बार-बार नए नंबर का प्रयोग करता था. एक बार नंबर उपयोग करने के बाद उस नंबर को हमेशा के लिए बंद कर देता था. साथ ही मोबाइल नंबर के लिए फेक आईडी का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे इसे ट्रैक करना काफी मुश्किल हो रहा था. इस बीच फिरौती की रकम को लेकर परिवार और अपहरणकर्ता के बीच बात चल रही थी. जब अपराधी को पकडे जाने का शक हुआ तो फोन के बजाए पत्र लिख कर 2 करोड़ 21 लाख रुपये की अंतिम मांग रखी. पुलिस ने अपराधी के पास से 19 मोबाइल, एक पिस्टल और 9 जिन्दा कारतूस भी बरामद किया है.