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स्कूल में जलजमाव के कारण DM ने दिए स्कूल में छुट्टी के आदेश, बच्चियों को घर ले जा रहे अभिभावक - water logging in darbhanga

स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि डीएम के आदेशानुसार हमने अभिभावकों को अपने बच्चे घर ले जाने को कहा और यदि जिन बच्चियों के अभिभावक किसी कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनको हम खुद उनके घर पहुंचा रहे हैं.

heavy rain in darbhanga

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Published : Sep 29, 2019, 11:57 PM IST

दरभंगा: बिहार सरकार के कल्याण विभाग की ओर से संचालित राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 विद्यालय में जलजमाव होने के कारण जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने छात्राओं को छुट्टी देकर भवन को खाली करने का आदेश दिया है. जिसको लेकर विद्यालय के प्राचार्य ने छात्रों के अभिभावकों को इसकी सूचना दी. वहीं, सूचना मिलने के बाद छात्राओं के अभिभावक स्कूल पहुंचकर बच्चियों को घर ले जा रहे हैं.

भारी बारिश से जलमग्न हुआ स्कूल

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को 1 अक्टूबर तक बंद रखने का भी निर्देश दिया है.

हालात की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने दिए आदेश
भारी बारिश होने के कारण विद्यालय के बाहरी और अंदर के परिसर में 1 फीट से ज्यादा पानी जमा हो गया है. साथ ही, विद्यालय के छत से भी पानी टपकने लगा है. जिसके चलते यहां रह रही छात्राओं और कर्मियों को काफी परेशानी होने लगी. ऐसे में लगातार बारिश के चलते परिसर में लगे पानी के स्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है. जिससे यहां पर रह रहे कर्मियों को डर सताने लगा कि कहीं पानी कमरे में न प्रवेश कर जाए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने स्कूल में छुट्टी करने का आदेश दे दिया.

बच्ची को घर ले जाती उसकी मां

अभिभावक आए बच्चियों को लेने
अपनी बच्ची को लेने पहुंची निर्मला देवी ने कहा कि बारिश के चलते परिसर में चारों तरफ पानी भर गया है. ऐसे में यहां के प्रिंसिपल ने हमें फोन कर कहा कि यहां चारों तरफ पानी लगा हुआ है और आप यहां आकर अपने बच्ची को ले जाइए. यहां पर आने के बाद हमने देखा कि वास्तव में चारों तरफ पानी लगा हुआ है. साथ ही, बच्चियों को भी परेशानी हो रही है.

विद्यालय खुद भी पहुंचा रहा बच्चियों को घर
स्कूल के प्राचार्य दिलीप कुमार ने कहा कि एकाएक मौसम बहुत खराब होने के कारण डीएम ने जिला कल्याण पदाधिकारी को आदेश दिया है कि यहां पर जो भी बच्चियां पढ़ रही हैं, उनके घर पर सूचना देकर उनको घर भेज दिया जाए. उनके आदेश के आलोक में हमने अभिभावकों को फोन करना शुरू कर दिया. ऐसे में बहुत सारे अभिभावक यहां पर आकर अपनी बच्चियों को ले जा रहे हैं. जिन बच्चियों के अभिभावक किसी कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनको हम गाड़ी की व्यवस्था कर बारी-बारी से उनके घर पहुंचा रहे हैं.

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