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700 किमी सफर तय कर परीक्षा केंद्र पहुंचा छात्र, 10 मिनट की देरी से नहीं मिली अनुमति - दरभंगा का छात्र संतोष कुमार यादव

दरभंगा से 700 किलोमीटर की दूरी तय कर कोलकाता नीट परीक्षा देने गए छात्र को मात्र 10 मिनट की देरी के कारण परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. इस पर सोशल मीडिया यूजरों की प्रतिक्रिया आनी लगी. कई यूजरों ने सरकार से उसे परीक्षा देने की अपील की और कहा कि छात्रों के भविष्य से ना खेलें.

Darbhanga boy who travelled 700 km for NEET exam but missed it by 10 minute
Darbhanga boy who travelled 700 km for NEET exam but missed it by 10 minute

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Published : Sep 16, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Sep 16, 2020, 1:25 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले में रहने वाले संतोष कुमार यादव ने नीट परीक्षा देने के लिए दरभंगा से कोलकाता तक 700 किलोमीटर का सफर करीब 24 घंटे में पूरा किया, लेकिन परीक्षा केंद्र पर 10 मिनट की देरी से पहुंचने के कारण परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया, जिस कारण संतोष परीक्षा देने से चूक गया.

छात्र ने बताया कि, 'मैं शनिवार सुबह 8 बजे बिहार के दरभंगा से एक बस में सवार हुआ. मुज़फ़्फ़रपुर और पटना के बीच भयंकर जाम था, जिसके कारण 6 घंटे बर्बाद हो गए. हम पटना से रात 9 बजे निकले और रविवार को दोपहर लगभग 1 बजे कोलकाता पहुंचे. फिर मैंने एक टैक्सी ली और दोपहर 1:40 बजे के आसपास परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया. लेकिन मुझे परीक्षा देने नहीं दिया गया.'

ट्वीट कर दी जानकारी

छात्र ने बताया देरी का कारण
किसान के बेटे संतोष ने बताया कि, परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए मैंने कैब लिया. जिसके लिए 300 रुपये का भुगतान किया. प्रबंधन ने उसे परीक्षा देने की इजाजत नहीं दी. उसने वहां के अधिकारियों से कई बार कहा लेकिन किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी. देर से पहुंचने के कारण उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. मैंने अपना एक महत्वपूर्ण एक साल खो दिया है. अब अगले साल की परीक्षा की तैयारी शुरू करनी है.'

सोशल मीडिया पर यूजरों की प्रतिक्रिया
संतोष के परीक्षा में नहीं बैठने को लेकर सोशल मीडिया पर यूजरों की प्रतिक्रिया आने लगी. एक यूजर अपूर्व मोहन रायजदा ने लिखा, 'मैं भारत सरकार और शिक्षा मंत्री से अपील करता हुं कि इस छात्र को एक मौका और देना चाहिए'.

एक और यूजर युवराज ने लिखा, ' संतोष को एक मौका मिलना चाहिए, नहीं तो उसका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा'.

एक दूसरा यूजर संदीप ने लिखा,' छात्रों के भविष्य के साथ ना खेलें'.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
अब इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है. वकील शशवत आनंद ने याचिका दाखिल की है. उन्होंने अपील की है कि कोर्ट इस तरह के मामलों में एक निश्चित दिशा-निर्देश जारी करे. वैसे छात्र जो परीक्षा नहीं दे पाए, उनके लिए भोजन, आवास, पानी और परिवहन की मांग की गई है.

आनंद ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि जो छात्र परीक्षा नहीं दे सके, उनके लिए नीट या जेईई परीक्षा फिर से आयोजित कराई जाए. इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर सुनवाई हो सकती है.

नीट परीक्षा के लिए क्या थे दिशानिर्देश

  • परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों को पर्यवेक्षक की उपस्थिति में घोषणा पर हस्ताक्षर करना था.
  • उम्मीदवारों को कम ऊंची एड़ी के जूते और चप्पल पहनने की अनुमति थी.
  • बंद जूते, जूते, मोटे तलवों वाले जूते और बड़े बटन वाले कपड़ों की अनुमति नहीं थी.
  • आधे आस्तीन और लंबी आस्तीन के साथ हल्के रंग के कपड़े की अनुमति नहीं थी.
  • संबंधित दस्तावेजों को लाने के लिए उम्मीदवारों की आवश्यकता होगी.
  • उम्मीदवार को परीक्षा के लिए अपना स्वयं का घोषणा पत्र / उपक्रम / प्रोफार्मा भी भरना और लाना था.
  • दोपहर 1:30 बजे के बाद किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा हॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी.
  • एक पारदर्शी बोतल में पानी, मास्क और दस्ताने के साथ पर्सनल हैंड सैनिटाइजर की अनुमति.
Last Updated : Sep 16, 2020, 1:25 PM IST

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