दरभंगा:कोरोना वायरस के कारण आम जन-जीवन पर ब्रेक लग गया है. लॉकडाउन के कारण देशभर के फुटपाथी दुकानदारों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों की रोजी-रोटी पर आफत आन पड़ी है. इनकी मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर से तत्काल ब्याज रहित ऋण की योजना शुरू की गई है. लेकिन जिले के तमाम फुटपाथी दुकानदारों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से लागू स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के तहत दरभंगा में फुटपाथी दुकानदारों के सर्वे और उन्हें वेंडर कार्ड जारी करने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. दरभंगा में करीब 6 हजार 700 फुटपाथी दुकानदार हैं. जिनमें से महज 375 को वेंडर कार्ड जारी किए गए हैं. इस योजना के तहत शहर में कई वेंडिंग जोन बनाने का भी प्रस्ताव है. जहां फुटपाथी दुकानदारों को दुकान बनाकर आवंटित किया जाना है. लेकिन शहर में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है.
निगम में लालफीताशाही का आरोप
फुटपाथी दुकानदारों में सरकार और नगर निगम के प्रति आक्रोश है. फुटपाथी दुकानदार और मजदूर संघ ने नगर निगम में लालफीताशाही का आरोप लगाते हुए फुटपाथी दुकानदारों की उपेक्षा की बात कही है. वहीं फुटपाथी दुकानदारों के ट्रेड यूनियन ने इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है. हालांकि नगर निगम के आयुक्त ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए फुटपाथी दुकानदारों के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम जारी होने की बात कही.
लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए फुटपाथी दुकानदार फुटपाथी दुकानदारों ने सुनाई आपबीती
दरभंगा स्टेशन के पास फुटपाथ पर फल बेचने वाली सावित्री देवी ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से दुकानदारी बहुत मंदा है. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. दुकान लगाने पर पुलिस अगल उन्हें खदेड़ देती है. उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से उन्हें केवल वेंडर कार्ड ही मिला है. कार्ड पर दी जाने वाली कोई सुविधा नहीं मिली.
'लॉकडाउन के कारण खाने के लाले'
वहीं, सड़क पर फूल की दुकान लगाने वाले विश्वनाथ भगत बताते हैं कि वे कोलकाता से फूल मंगाकर बेचते हैं. कोरोना के कारण गाड़ियां नहीं चल रही हैं. इसकी वजह से फूल नहीं आ पाते. दुकानदारी बहुत कम हो रही है. इससे परिवार पर संकट है. उन्होंने कहा कि ऋण की तो बात ही छोड़ दीजिए उन्हें तो अब तक वेंडर कार्ड भी नहीं जारी किया गया है.
ये है जिले के फुटपाथी दुकानदारों का हाल
मामले में फुटपाथ दुकानदार और मजदूर संघ के नगर अध्यक्ष कारी गामी ने कहा कि शहर में करीब 6,700 फुटपाथी दुकानदार हैं. इनमें से महज 375 को वेंडर कार्ड जारी किए गए हैं. पहले चरण में 1100 से अधिक लोगों का सर्वे हुआ था. फुटपाथी दुकानदार कोरोना काल मे बहुत मुश्किल का सामना कर रहे हैं. अभी तक सर्वेक्षण के काम पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि वे कार्ड बनवाने और ऋण की सुविधा के लिए लगातार नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन वहां रोज टालमटोल किया जाता है.
काम शुरू करने वाले पहला जिला था दरभंगा
फुटपाथी दुकानदारों के राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन नेशनल स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्य आर के दत्ता ने कहा कि सरकारी लापरवाही की वजह से फुटपाथी दुकानदारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. कोरोना महामारी में वे बेहद कठिनाई में हैं. उन्होंने कहा कि 2014 में स्ट्रीट वेंडर एक्ट लागू होने के बाद बिहार में इस पर काम शुरू करनेवाला पहला शहर दरभंगा ही था. लेकिन बाद में यहां काम की गति बेहद धीमी पड़ गई है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद वे नगर निगम के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू करेंगे.
आयुक्त की दलील
हालांकि ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के तहत फुटपाथी दुकामदारों के कल्याण की योजनाओं पर काम चल रहा है. शहर में 2 वेंडिंग जोन बनाने की मंजूरी मिल गई है. उसका टेंडर भी हो गया है. साथ ही फुटपाथी दुकानदारों को ऋण देने की योजना पर भी काम चल रहा है. जल्द ही उन्हें सुविधाएं मिलने लगेगी.