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DMCH में पुराने भवन को किया गया जमींदोज, 400 बेडों का बनेगा सर्जिकल वॉर्ड - 400 बेडो का भवन का निर्माण

पुराने भवन को तोड़ने का काम काफी तीव्र गति से चल रहा है. यह पूरा प्रोजेक्ट 130 करोड़ रुपये का है. डिजाइन के मुताबिक 400 बेडों का भवन निर्माण करना है. भवन निर्माण कंपनी को इसे 3 साल में बनाकर अस्पताल प्रशासन को हैंडओवर करना है.

नए सर्जिकल भवन निर्माण के लिए पुराने भवन को किया गया जमींदोज

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Published : Oct 18, 2019, 11:50 AM IST

दरभंगा:जिले के डीएमसीएच गायनिक परिसर में 400 बेडों के नए सर्जिकल भवन के निर्माण के लिए परिसर स्थित पुराने भवन को तोड़ने का कार्य प्रारंभ हो गया है. चयनित भूमि पर नगर निगम के रैन बसेरा और सुलभ शौचालय को जेबीसी की मदद से जमींदोज कर दिया गया है. इस बाबत अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने नर्स क्वार्टर में रह रहे नर्सों को जल्द से जल्द पुराने भवन को खाली करने का आदेश दिया है.

पुराने भवनें को तोड़ती JCB

नए भवन का होना है निर्माण
इस संबंघ में अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने बताया कि डीएमसीएच के जर्जर हो चुके सर्जिकल भवन के बदले गायनिक परिसर में नए भवन का निर्माण होना है. जिसको लेकर परिसर स्थित पुराने भवन को तोड़ने की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है. उन्होंने बताया कि निर्माण स्थल पर नर्स क्वार्टर और नर्सिंग स्कूल का भवन रहने के कारण इसे तोड़ने काफी समस्या आ रही थी. नर्स क्वाटर में जितने भी लोग रह रहे थे, उन लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया गया है. नर्सिंग स्कूल को भी दो-तीन दिन में दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया जायेगा. जैसे ही चिन्हित जमीन पर बने जर्जर भवन को तोड़ने का काम समाप्त हो जाएगा. उसके तुरंत बाद ही नए सर्जिकल भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

अस्पताल अधीक्षक

3 साल में भवन को बनाकर करना है हैंडओवर- इंजीनियर
इस मामले में निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर अहमद हुसैन ने बताया कि हमारे कंपनी को सर्जिकल भवन का निर्माण का काम मिला है. जिसको लेकर परिसर स्थित पुराने भवन को तोड़ने का काम काफी तीव्र गति से चल रही है. यह पूरा प्रोजेक्ट 130 करोड़ रुपए का है. डिजाइन के मुताबिक 400 बेडो का भवन का निर्माण करना है. इस भवन को 3 साल में बनाकर अस्पताल प्रशासन को हैंडओवर करना है.

देखिए यह खास रिपोर्ट

गायनिक विभाग में पहले लगा हुआ था 100 बेड
गौरतलब है कि गायनिक विभाग में रोजाना सैकड़ो मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. मरीजों को लंबे इलाज के लिए भर्ती होना पड़ता है. इस विभाग के के विभिन्न वार्डों में पहले लगभग 100 बेड लगा हुआ था. जिस कारण मरिजों के परिजनों को बाहर निजी कमरे किराया लेकर रहना पड़ता था.

प्रोजेक्ट इंजीनियर

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