दरभंगा: जिले भर में शनिवार को गणेश चतुर्थी को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया, हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए बीते वर्षों की तरह जगह-जगह प्रतिमाएं स्थापित नहीं की गई, लेकिन फिर भी लोगों ने अपने घरों में पूरी रीति-रिवाजों के साथ गणेश चतुर्थी पर्व को मनाया है.
चंद्रमा को अर्घ देकर संपन्न हुआ मिथिलांचल का प्रसिद्ध चौरचन पर्व
चौरचन पर्व को लोग अपने वंश के लिए मनाते हैं. पूरा परिवार हाथों में एक फल लेकर चंद्रमा को प्रणाम कर प्रसाद स्वरूप उस फल को पहले ग्रहण करता है और उसके बाद घर के जो भी पुरुष होते हैं, वह पूजन स्थल पर बैठकर भोजन करते हैं.
मिथिलांचल में मनाया गया चौरचन पर्व
बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन मिथिलांचल में चौरचन पर्व भी मनाया जाता है. इस पर्व की अपनी एक विशेष महत्ता है, जिस प्रकार छठ पर्व में भगवान भास्कर को अर्घ दिया जाता है, उसी प्रकार इस पर्व में चंद्रमा को अर्घ दिया जाता है.
चौचरन पर्व में चंद्रमा की ओर जलाया जाता है दिया
महिलाओं ने बताया कि बाढ़ के कारण त्यौहार के सामानों को जुटाने में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन भगवान में आस्था थी तो सब कुछ अच्छे से पूरा हो गया है. चौरचन पर्व को लोग अपने वंश के लिए मनाते हैं. इस पर्व में चंद्रमा की ओर दिया जलाया जाता है. वहीं, पूरा परिवार हाथों में एक फल लेकर चंद्रमा को प्रणाम कर प्रसाद स्वरूप उस फल को पहले ग्रहण करता है और उसके बाद घर के जो भी पुरुष होते हैं, वह पूजन स्थल पर बैठकर भोजन करते हैं.