दरभंगाःनेपाल की तराई में हो रही भारी बारिश ने अधवारा समूह की नदियों को उफान पर ला दिया है. इसकी वजह से दरभंगा के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. मंगलवार को सिंहवाड़ा प्रखंड के वाजितपुर और टेकटार के बीच धौंस नदी पर बना चचरी पुल बाढ़ के पानी में बह गया.
जिसकी वजह से आसपास के कम से कम 20 गांवों के लोगों का मुख्य बाजार और रेलवे स्टेशन टेकटार से संपर्क टूट गया है. इसकी दोहरी मार कोरोना का संकट झेल रहे सब्जी उत्पादक किसानों पर पड़ी है. जो टेकटार बाजार में लाकर सब्जियां बेचते हैं.
20 गांवों के लोगों का मुख्य बाजार से टूटा संपर्क
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज ने कहा कि टेकटार बाजार से पूर्व की तरफ के कम से कम 20 गांवों के लोगों का रेलवे स्टेशन और बाजार जाने का एकमात्र साधन ये चचरी पुल ही था. इसके बह जाने से उनके सामने विकट समस्या आ गई है.
गांवों में घुसा बाढ़ का पानी सामाजिक कार्यकर्ता ने पुल बनवाने की मांग की
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सब्जी उत्पादक किसान पहले से कोरोना की वजह से बदहाल हैं. अब उनकी रोजी-रोटी ठप हो गई है. फिलहाल कोई नाव भी नहीं चल रही है कि उन्हें राहत मिलेगी. उन्होंने सरकार से तत्काल यहां नावों की सुविधा देने और बाद में इस स्थान पर पुल बनवाने की मांग की है.
चचरी पुल को बचाने की लोग कर रहे कोशिश गांवों के लोग चंदा लगाकर बनाते हैं पुल
वहीं, स्थानीय राम पुकार ने कहा कि वे लोग दरभंगा और मधुबनी की सीमा पर आते हैं. उनका जिला दरभंगा और संसदीय क्षेत्र मधुबनी है. कम से कम 10 गांवों के लोग चंदा लगा कर चचरी पुल बनाते हैं. लेकिन बाढ़ में ये पुल बह जाता है.
स्थानीय लोगों ने पुल बनवाने की सरकार से लगाई गुहार
वहीं, स्थानीय ने कहा कि कई बार सांसद-विधायक से लेकर दूसरे जन प्रतिनिधियों से यहां पुल बनवाने की गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन कोई नहीं सुनता है. उन्होंने कहा कि उन लोगों का हाट-बाजार से लेकर बस-ट्रेन तक की सुविधा टेकटार से ही है. कैसे वे लोग आएंगे-जाएंगे, इस पर ध्यान दिया जाए.