बिहार

bihar

By

Published : Sep 2, 2019, 10:32 PM IST

ETV Bharat / state

दरभंगा: आस्था के साथ मनाया गया चौठचंद्र का त्योहार, इसमें चंद्रमा के दर्शन का है विशेष महत्व

इस व्रत में फल और दही का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि में बिना फल लिए चंद्रमा दर्शन करने से दोष पड़ता है.

चौठचंद्र का पर्व

दरभंगा:प्रदेश केमिथिलांचल इलाके में सोमवार शाम चौठचंद्र का पर्व धूमधाम से मनाया गया. यह त्योहार हर साल भाद्रपद के शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. चौठचंद्र पर्व का व्रत महिलाएं बहुत ही निष्ठा के साथ रखती हैं. महिलाएं सुबह से ही प्रसाद बनाने के साथ-साथ पूजा की तैयारियों में लग जाती है. महिलाएं ये व्रत अपने पति और घरों में सुख शांति बनी रहे इसलिए रखती है.

पूजा- अर्चना

महिलाएं श्रद्धा के साथ करती हैं पूजा-अर्चना
व्रती महिलाएं सुबह से ही व्रत रखकर, मिट्टी से बने चूल्हे पर प्रसाद तैयार करने में जुट जाती हैं. शाम को महिलाएं अपने आंगन या छत पर रंग-बिरंगा चौका लगाकर प्रसाद को उस पर सजाती है. व्रती महिलाएं पूजा-अर्चना करने के बाद चंद्रमा को बड़े ही श्रद्धा के साथ अर्घ्य देती है. उसके बाद परिवार के सदस्य हाथ में फल और दही लेकर चंद्रमा का दर्शन करते हैं, उसके बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं.

चौठचंद्र पर्व का व्रत करती महिला

व्रत रखने से रोग होते हैं दूर
बताया जाता है कि परंपरा के मुताबिक व्रती महिलाएं नए वस्त्र धारण कर पूजा करती है. पारंपरिक पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य वर्ती के हाथ में रखी डाली में गाय के दूध की धार देते हुए चंद्रमा से अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं. इस पर्व की मान्यता यह भी है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के रोग दूर हो जाते हैं. इस व्रत में फल और दही का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि में बिना फल लिए चंद्र दर्शन करने से दोष पड़ता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details