दरभंगा:ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन(Lalit Narayan Mithila University Administration) ने दरभंगा राज (Darbhanga Raj) के ऐतिहासिक महात्मा गांधी सदन के सामने बने तालाब का 55 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण कार्य शुरू किया है. लेकिन सौंदर्यीकरण (Beautification) के इस काम पर सवाल उठने लगे हैं.
विश्वविद्यालय के एक सीनेटर गगन झा ने तालाब के सौंदर्यीकरण के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया है. साथ ही इसमें भारी अनियमितता की आशंका जताई है. उन्होंने इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है.
राज दरभंगा का है ऐतिहासिक तालाब
सीनेट सदस्य गगन झा ने कहा कि यह दरभंगा राज का ऐतिहासिक तालाब है. जिसकी खूबसूरती की लोग प्रशंसा करते हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि बिना टेंडर निकाले यूनिवर्सिटी प्रशासन सौंदर्यीकरण का काम कैसे कर सकता है. वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि इस काम के लिए रुपये कहां से आ रहे हैं, इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है.
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लूट की नीयत से हो रहा काम
उन्होंने कहा कि सौंदर्यीकरण के पहले तालाब की उड़ाही की जानी चाहिए थी. इस में बहने वाले गंदे नाले को बंद करना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय कोरोना काल में चुपके-चुपके लूट की नीयत से यह काम करवा रहा है.
'विश्वविद्यालय कुलपति को इस काम को बंद करवाने और मामले की जांच के लिए लिखित शिकायत देंगे. अगर इससे भी बात नहीं बनी तो वे इस मामले को विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में उठाएंगे. इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे'.- गगन झा, सीनेट सदस्य
55 लाख की लागत से कराया जा रहा काम
इधर, तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अभियंता सोहन चौधरी ने कहा कि 55 लाख रुपए की लागत से इस तालाब का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके चारों किनारों पर घाट बनाया जाएगा. 6 फीट का रास्ता तैयार किया जाएगा.
'नैक मूल्यांकन की दृष्टि से इस तालाब का सौंदर्यीकरण बेहद जरूरी है. विश्वविद्यालय परिसर में स्थित अन्य 9 तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए जिला प्रशासन को लिखा गया है. अनुरोध किया गया है कि मुख्यमंत्री जल जीवन हरियाली योजना के तहत इन 9 तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया जाए'.- सोहन चौधरी, विवि अभियंता
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