दरभंगाः ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन ने 19 लाख नौकरी, 10 हजार रुपया मासिक बेरोजगारी भत्ता, बंद पड़े उद्योग को चालू करने, कृषि कानून को वापस लेने तथा MSP को कानून का दर्जा देने, युवा आयोग का गठन करने सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय पहुंचे. सभी ने धरना स्थल से रोषपूर्ण मार्च निकाला. मार्च शहर के विभिन्न चौक चौराहा होते हुए समाहरणालय पहुंचा. इस दौरान प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
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ये हैं प्रमुख मांगें
- बिहार में 19 लाख नौजवानों को नौकरी दो.
- काला कानून वापस लो, MSP को कानून का दर्जा दो.
- बेरोजगार नौजवानों को 10 हजार मासिक बेरोजगारी भत्ता.
- बढ़ते अपराध एवं व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ.
- युवा आयोग का गठन करो.
- बंद पड़े कल-कारखाने को चालू करो.
- कृषि आधारित उद्योग की स्थापना कर, नौजवानों को रोजगार की व्यवस्था.
- नौजवानों को रोजगार हेतु ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था करो.
- कुशल व्यवसायियों को व्यवसाय हेतु प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था करो.
- जाम से निजात दिलाने के लिए ओवरब्रिज का निर्माण.
- डीएमसीएच में मरीजों की समुचित इलाज की गारंटी.
- राज्य स्तरीय युवा क्रीड़ा संस्थान का गठन करो.
19 लाख नौकरी का वादा एक बार फिर बना जुमला
वहीं प्रदर्शन कर रहे जिला सह संयोजक मो. नजी अल्लाह ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकार बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, व्याप्त भ्रष्टाचार एवं बढ़ते अपराध जैसी समस्याओं के समाधान करने में पूरी तरह से विफल हैं. विगत बिहार विधानसभा चुनाव में 19 लाख नौजवानों को नौकरी देने का वादा एक बार फिर से जुमला साबित हो रहा है. बिहार में बेरोजगारी दर 11.47% है. कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पूर्णतः हवा हवाई साबित हो रही है.