महाराजा दरभंगा के महल में सेल्फी प्वाइंट दरभंगाः बिहार के दरभंगामें धरोहरों से छेड़छाड़ करते हुए सेल्फी लेने का मामला तूल पकड़ने लगा है. मिथिला विश्वविद्याल परिसर स्थित कामेश्वर सिंह संग्रहालय में रखे सामानों के साथ छेड़छाड़ करते हुए सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. इसके बाद एकबार फिर दरभंगा राज परिवार और मिथिला विश्वविद्यालय आमने सामने है. दरभंगा महाराज की विरासत एक ऐतिहासिक धरोहर है और उसके साथ कोई खिलवाड़ करते हुए कुछ लोगों की फोटो वायरल होने के बाद विवि प्रशासन पर आरोप लगाया गया है कि महाराजा साहब के महल के कमरों को सेल्फी प्वाइंट बना दिया गया है.
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मिथिला विवि प्रशासन पर आरोपः ललित नारायण विश्वविद्यालय परिसर स्थित नारगोन महल स्थित महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह संग्रहालय है. यहां विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के कुछ छात्र-छात्राओं ने दरभंगा महाराज के ऐतिहासिक धरोहरों के साथ सेल्फी, ग्रुप फोटो और चीजों के साथ छेड़छाड़ करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिया. इसके बाद धरोहरों से लगाव रखने वाले लोग इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर धरोहर के साथ छेड़छाड़ की बात करने लगे.
राजपरिवार ने भेजा नोटिसःजब इस बात की जानकारी दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार राजेश्वर सिंह और कपिलेश्वर सिंह को लगी, तो उन्होंने अपने वकील के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस भेजा है. इसमें उन्होंने आपत्ति जताते हुए महाराज कामेश्वर सिंह के निजी प्रयोग में आने वाले वस्तुओं को जिसे धरोहर के रूप में विश्वविद्यालय को संग्रहालय के रूप में दिया गया. उसे बिना किसी नियम के विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से धज्जियां उड़ाई जा रही है.
सोशल मीडिया में फोटो वायरलःराज परिवार के एस्टेट ऑफिसर प्रियांशु झा ने प्रेसवार्ता कर कहा कि दरभंगा राज परिवार के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. वहीं मिथिला विश्विद्यालय के इतिहास विभाग के कुछ लड़के-लड़कियों ने मजाकिया अंदाज में उनके विरासत के साथ खेलते दिखाई दे रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां रखे सभी समान एंटिक है. इनकी कीमत की कल्पना नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी मनमानी करते हुए, दरभंगा राज परिवार की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करता रहता है.
''मिथिला विश्विद्यालय के इतिहास विभाग के कुछ लड़के-लड़कियों ने मजाकिया अंदाज में उनके विरासत के साथ खेलते दिखाई दे रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्वविद्यालय अपनी मनमानी करते हुए, दरभंगा राज परिवार की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करता रहता है. विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र संज्ञान लेते हुए दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज परिवार विवश होकर कानूनी कार्रवाई करेंगे''- प्रियांशु झा, एस्टेट ऑफिसर
राजपरिवार ने जताई कड़ी आपत्तिः प्रियांशु झा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय पर ऐतिहासिक धरोहरों की अनदेखी, महाराज के बहुमूल्य सामानों की चोरी की आशंकाएं जाहिर की है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से शीघ्र संज्ञान लेते हुए दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की और अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज परिवार विवश होकर कानूनी कार्रवाई करेंगे, जो निंदनीय है. कहीं न कहीं इसके पीछे साजिश की मंशा साफ झलक रही है.
विवि प्रशासन ने कहा, सफाई के लिए गए थे बच्चेः वहीं, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नैयर आजम का कहना है कि साफ-सफाई के लिए कमरे को खोला गया था. बच्चे भी दरभंगा राज परिवार के महाराज कामेश्वर सिंह के कक्ष में बने संग्रहालय को देखना चाहते थे. उसी क्रम में संग्रहालय को खोला गया. उसी दौरान में मेरी नजर थोड़ी हटी और बच्चे ने तस्वीर ले ली. इस बात की जानकारी मुझे नहीं थी.
"साफ-सफाई के लिए कमरे को खोला गया था. बच्चे भी दरभंगा राज परिवार के महाराज कामेश्वर सिंह के कक्ष में बने संग्रहालय को देखना चाहते थे. उसी क्रम में संग्रहालय को खोला गया. उसी दौरान में मेरी नजर थोड़ी हटी और बच्चे ने तस्वीर ले ली"- प्रो. नैयर आजम, विभागाध्यक्ष (इतिहास) एलएमएनयू