दरभंगा: मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार ने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली. इसी समय अंतराल जून महीने में डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग और एनआईसीयू में 41 बच्चों की मौत हो गई है. बच्चों की मौत पर सरकार ने अस्पताल अधीक्षक से इसकी वजह पूछी है.
डीएमसीएच में भर्ती बच्चों के साथ परिजन इस संदर्भ में विधानसभा में सवाल भी पूछा गया है. मामला विधानसभा में उठने के बाद अस्पताल अधीक्षक ने सफाई दी है. अस्पताल अधीक्षक के मुताबिक मौतों की वजह एईएस नहीं बल्कि अलग-अलग बीमारियों को बताया है. ईटीवी भारत ने मौत के आंकड़ें और अधीक्षक के दावों की पड़ताल के लिए अस्पताल का जायजा लिया.
जानिए क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद ने बताया कि जून महीने में शिशु रोग विभाग और एनआईसीयू में कुल 553 बच्चे भर्ती हुए थे. इनमें 41 बच्चों की मौत हो गई. सभी बच्चों की मौत अलग-अलग गंभीर बीमारियों को कारण हुई है. इनमें डायरिया, गंभीर संक्रमण, हार्ट फेल्योर और अज्ञात बीमारियों से पीड़ित थे. चमकी बुखार से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है. शिशु रोग विभाग में मृत्य दर 4.47 रही, जबकि एनसीसीयू में मृत्य दर 10.58 रहा. मृत्यु दर देश और बिहार के मुकाबले काफी कम है.
डीएमसीएच पर ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट डीएमसीएच की जमीनी हकीकत
अस्पताल अधीक्षक भले ही कई कारण गिनाएं, लेकिन डीएमसीएच की कुव्यवस्था भी बच्चों की मौत की बड़ी वजह है. अस्पताल में सफाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. मरीजों को जमीन पर लिटा कर इलाज होता है. इसकी वजह से संक्रमण होता है. एनआईसीयू में एसी तो दूर की बात, पंखा भी खराब है. अस्पताल में नवजात शिशु की मौत कुव्यवस्था के कारण होती है. यहां डॉक्टर, नर्स और दवाओं का अभाव है. अगर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाया जाए तो मौतों का भयावह आंकड़ा अपने आप घट जाएगा.