दरभंगा: नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण विगत 22 जुलाई से दरभंगा जिला बाढ़ से प्रभावित है, तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बाढ़ राहत कार्य एवं बाढ़ निरोधक कार्य भी चलाए जा रहे हैं. जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के राहत कार्य व बाढ़ निरोधक कार्य का अनुश्रवण किया जा रहा है, साथ ही आवश्यकतानुसार संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं.
392 सामुदायिक रसोई का किया जा रहा है संचालन
बता दें कि जिले के 18 प्रखंड में से 15 प्रखंड के 227 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 181 पंचायत पूर्णतः एवं 46 पंचायत अंशतः बाढ़ प्रभावित हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ से जिले के 1024 गांव के 20 लाख 58 हजार 100 परिवार प्रभावित हुए हैं. वहीं, प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गावों में 392 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2 लाख 37 हजार 597 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों के बीच अस्थायी आश्रय बनाने के लिए 48 हजार 796 पॉलिथीन शीटस का वितरण भी करवाया जा चुका है.
सामुदायिक रसोई का किया जा रहा है संचालन एनडीआरएफ की टीम लगातार कर रही है रेकी
जिलाधिकारी ने कहा की पानी से घिरे गांवों में 10 हजार 760 सूखा फ़ूड पैकेट का वितरण करवाया गया है और अन्य प्रखंडों से जिला भंडार गृह से आवश्यकता अनुरूप पैकेट्स मांगने एवं वितरित करने के निर्देश दिये गये है. वहीं, उन्होंने कहा की पानी से घिरे गांवों के लोगों के आवागमन की सुविधा एवं राहत कार्यों के लिए 559 नाव के साथ ही 10 मोटरबोट भी चलवायी जा रही हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 3 टीमें लगायी गयीं हैं, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार रेकी कर बचाव एवं राहत कार्य कर रहे हैं.
180 स्थलों पर स्वास्थ्य शिविरों का हो रहा संचालन
वहीं, उन्होंने कहा की बाढ़ प्रभावित गांवों में 180 स्थलों पर स्वास्थ्य शिविर का संचालन कर 14 हजार 800 लोगों का उपचार कर उन्हें निःशुल्क दवा दी जा रही है, साथ ही पानी को शुद्ध पेयजल बनाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 01 लाख 20 हजार हैलोजन टेबलेट वितरित किए गए हैं. इसके अलावा स्वच्छता बनाये रखने के लिए बाढ़ प्रभावित गांव की नालियों एवं कचरें वाले स्थलों पर 300 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है, उन्होंने कहा की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के उपचार एवं उनकी देखभाल के लिए 3 पशु कैंप कार्यरत हैं, जिनमें अबतक 550 पशुओं का उपचार किया गया है.