पटना: फिल्म 'आर्टिकल 15' पर विवाद बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना के मोना सिनेमा हॉल के पास रविवार शाम छात्रों ने फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. इसमें दर्जनों छात्र जख्मी हो गए. छात्रों की माने तो वे सभी फिल्म 'आर्टिकल 15' के प्रदर्शन को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. अचानक ही पुलिस ने वहां पहुंचकर मारपीट शुरू कर दी.
फिल्म 'आर्टिकल 15' के प्रदर्शन को लेकर छात्रों ने किया हंगामा, पुलिस ने भांजी लाठियां
फिल्म आर्टिकल 15 की ट्रेलर रिलीज होने के बाद से फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया है कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है. जबकि दलित संगठन इस फिल्म के प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं
ट्रेलर रिलीज के बाद से लगातार हो रहा विरोध
आर्टिकल 15 फिल्म की ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही इस फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है. जबकि दलित संगठन के लोग इस फिल्म के प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं. फिल्म की कहानी एक दलित लड़की के बलात्कार के साथ सामाजिक भेदभाव को दिखाया गया है. छात्रों की मानें तो यह दलितों पर और आज के सामाजिक नैतिक पतन पर बनी हुई फिल्म है. यह फिल्म लोगों को देखनी चाहिए.
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी यूरोप में एक लंबा दौर बिता चुके अयान रंजन के इर्द-गिर्द घुमती है. अयान अपने देश से बहुत प्यार करते हैं. वे अपने देश की दिलचस्प कहानियां अपने यूरोपियन दोस्तों को सुनाते हुए गर्व महसूस करते हैं. बाद में अयान की पोस्टिंग भारत के गांव में होती है. यहां दो लड़कियों का दुष्कर्म हुआ है और उन्हें पेड़ से लटका दिया गया है. पुलिस प्रशासन इस केस को रफा-दफा करने का भरसक प्रयास करती हैं. अयान के लिए यह एक तगड़ा कल्चरल शौक होता है. उसे अपने देश की एक अलग सच्चाई दिखाई देती है लेकिन वह इस केस की तह तक जाता है और इस पूरी यात्रा में उसे कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ता है.