पटनाः आधुनिकता के इस दौर में मेडिकल साइंस लगातार नई-नई तकनीक इजाद कर रही है. इस ओर राजधानी पटना भी आगे बढ़ रही है. यहां अनुप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन ने स्ट्राइकर्स मैको रोबोटिक आर्म यानि आंशिक घुटना ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को लेकर आज राजधानी पटना में कार्यशाला का आयोजन किया. जहां रोबोटिक तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण के बारे में बताया गया और यह सुविधा जल्द ही पटना में शुरू की जा रही है.
पटना बना देश का दूसरा शहर, जहां रोबोटिक तकनीक से होगा घुटनों का ट्रांसप्लांट - science
रोबोटिक आर्म असिस्टेड सर्जरी जोड़ों के प्रतिस्थापन का एक नया तरीका है. जो मरीज के अनुसार इन प्लांट एलाइनमेंट और पोजिशनिंग के उन्नत स्तर की संभावनाओं को पेश करता है.
पटना में जोड़ों के मरीजों के लिए यह एक राहत की खबर है. बताया जाता है कि रोबोटिक आर्म असिस्टेड सर्जरी जोड़ों के प्रतिस्थापन का एक नया तरीका है. जो मरीज के अनुसार इन प्लांट एलाइनमेंट और पोजिशनिंग के उन्नत स्तर की संभावनाओं को पेश करता है. यह तकनीक सर्जन को रोगी के आधार पर 3D प्लान बनाने का अवसर देता है और उन्हें नियंत्रित रोबोटिक आर्म प्रक्रिया से जोड़ों का प्रत्यारोपण करता है. उतरी भारत में अभी तक इस तरह की सुविधा कहीं और नहीं मिली है.
इस तरह काम करेगी रोबोटिक तकनीक
डॉक्टर आरएन सिंह ने कहा कि वर्चुअल 3D मॉडल का इस्तेमाल करते हुए, सर्जन को हर मरीज के अनुसार ऑपरेशन के पहले विशेष सर्जिकल योजना बनाने का मौका दे रही है. ताकि ऑपरेशन रूम में जाने से पहले सर्जन के पास प्रतिस्थापन की एक स्पष्ट योजना हो. सर्जरी के दौरान सर्जन योजना को निष्पादित कर सकेगा और आवश्यक सामंजस्य कर सकता है. इस पद्धती की इन तीन विशेषताओं के संजोग में बेहतर परिणाम और मरीज के अत्याधुनिक संतुष्टि होती है. डॉ आर एन सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में इस तकनीक का इस्तेमाल कर हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.