सीएम नीतीश कुमार ने नाथूराम गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा के दिए बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि गांधी के खिलाफ ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जा सकते. हालांकि इस मामले में बीजेपी क्या फैसला लेती है, इसे नीतीश कुमार ने बीजेपी का आंतरिक मामला बताया. बता दें कि भोपाल संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरी आतंकवाद मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था.
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'लालू के खत लिखने की जानकारी नहीं'
वहीं, जेल से आरजेडी चीफ लालू प्रसाद के पत्र लिखे जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें नहीं पता. वो तो आप लोग ही जानेंगे कि वो खत लिख रहे थे या नहीं लिख रहे थे.
'महागठबंधन का अस्तित्व नहीं'
महागठबंधन पर सवाल उठाते हुए नीतीश ने साफ किया कि नामकरण तो उन्होंने ही किया था. मगर अब उनके साथ दोबारा जाने का प्रश्न कहां उठता. उस वक्त की राजनीतिक परिस्तिथि के हिसाब से वैकल्पिक समीकरण बनाना पड़ा.
'मेनिफेस्टो की जरूरत नहीं'
जेडीयू की ओर से मेनिफेस्टो नहीं जारी करने के सवाल पर सीएम और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि 2005 से लेकर अब तक लगातार हम अपने पुराने वायदों पर अडिग हैं. कश्मीर से धारा 370 हटाने का मसला हो या एनआरसी या तीन तलाक, हम किसी भी हाल में इससे छेड़छाड़ पर समझौता नहीं करेंगे.