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बिहार के 28 जिलों में सूखे का खतरा, बारिश में कमी बढ़ा सकती है किसानों की परेशानी

राज्य में अब तक 28 जिले सूखे के चपेट में आते दिख रहे हैं. इस देखते हुए विभाग ने अब तक कृषि विभाग ने 1,430 करोड़ कृषि इनपुट सब्सिडी लिए आवंटित कर दिया गया है. वहीं, पेयजल और जानवरों के पीने के लिए पीएचईडी विभाग ने 50 करोड़ आवंटित किया है.

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Published : Jun 16, 2019, 5:26 PM IST

पटना:राज्य में पिछले 10 साल से लगातार बारिश काफी कम हो रही है. जिसके कारण अधिकतर जिले सूखे की चपेट में हैं. पिछले 2 वर्षों से राज्य के सभी जिले सूखाग्रस्त घोषित किए जाते रहे हैं और इस बार भी संभावना यही है.

मॉनसून में हो रही देरी
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी के अनुसार जिस तरह से मॉनसून में देरी हो रही है, उस हिसाब से राज्य में सूखे की समस्या उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने बताया कि अगस्त महीने तक अगर पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हुई तो राज्य में धान की खेती नहीं हो पाएगी. इस वजह से अनाज का पर्याप्त भंडारण होना मुश्किल हो जाएगा. इसे देखते हुए कृषि विभाग इनपुट सब्सिडी की तैयारी कर चुका है.

व्यास जी, उपाध्यक्ष, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

कम पानी वाले फसल लगाने का सुझाव
इस स्थिती को देखते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व्यास जी ने किसानों को कम पानी वाले फसल लगाने का सुझाव दिया है. उन्होंने किसानों को बताया कि इस मौके पर मक्का जैसी फसल लगानी चाहिए, जिसमें पानी की कम से कम आवश्यकता होती है.

28 जिले सूखे की चपेट में
व्यास जी के अनुसार इस बार का तापमान पिछले साल से ज्यादा है. अभी तक राज्य के तकरीबन 28 जिले सूखे की चपेट में आते दिख रहे हैं. आईएमडी के अनुसार बिहार में मॉनसून जून के अंतिम सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद है. लेकिन अगर समय से बारिश नहीं हुई तो किसानों को कई तरह की समस्या झेलनी पड़ सकती है.

आपदा विभाग ने आवंटित की राशि
इस समस्या को देखते हुए आपदा विभाग ने अब तक कृषि विभाग ने 1,430 करोड़ कृषि इनपुट सब्सिडी लिए आवंटित कर दिया गया है. वहीं, पेयजल और जानवरों के पीने के लिए पीएचईडी विभाग ने 50 करोड़ आवंटित किया है.

इन जिलों पर मंडरा रहा सूखे का खतरा
पटना, भोजपुर, कैमूर, नवादा, औरंगाबाद, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुंगेर, बांका, भागलपुर, नालंदा, बक्सर, गया, जहानाबाद, सारण, सिवान, शेखपुरा, जमुई, सहरसा और रोहतास.

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