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डीएलएड अभ्यर्थियों ने NIOS पर लगाया धांधली का आरोप, अच्छे रिजल्ट के बावजूद 'नॉट क्लियर' क्यों?

अभ्यर्थियों का कहना है कि पेपर कोड 512 का प्रैक्टिकल उन्होंने किया था और सारा असाइनमेंट जमा किया था. फिर भी प्रैक्टिकल में अनुपस्थति लिखा हुआ है.

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Published : Jun 12, 2019, 4:35 AM IST

धांधली का आरोप

पटनाः राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) के डीएलएड अभ्यर्थियों ने डीएलएड परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाया है. हजारों अभ्यर्थियों के रिजल्ट में एनसी यानि नॉट क्लीयर लिखा हुआ है. इसको लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों के छात्र कई दिनों से पटना में हेड ऑफिस के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप

अभ्यर्थियों का कहना है कि पेपर कोड 512 का प्रैक्टिकल उन्होंने किया था और सारा असाइनमेंट जमा किया था. फिर भी प्रैक्टिकल में अनुपस्थति लिखा हुआ है. अभ्यर्थियों का कहना है कि हम अच्छे नंबरों से पास हुए हैं. रिजल्ट अच्छा होने के बावजूद नॉट क्लियर है. विभाग की लापरवाही के चलते उन लोगों को हर रोज हेड ऑफिस आना पड़ रहा है.

शिकायत पर कब होगी सुनवाई
इस भीषण गर्मी में अपने 1 साल के बच्चे और पति के साथ एक महिला अभ्यर्थी कटिहार से पटना पहुंची. साथ ही वे एक पैर से द्विव्यांग भी हैं. उनका कहना है कि सब कुछ सही होने के बावजूद रिजल्ट नहीं आया है और उनकी परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

200 में से 175 अभ्यर्थियों का रिजल्ट एनसी
वहीं, छपरा से आए राधेश्याम सिंह ने बताया कि उनके सेंटर से 200 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिसमें 25 अभ्यर्थियों का रिजल्ट आया है और बाकी 175 अभ्यर्थियों का रिजल्ट नॉट क्लियर आया है. सभी अभ्यर्थियों के पेपर कोड 512 के प्रैक्टिकल में अब्सेंट कर दिया गया है. जबकि सभी लोगों ने प्रैक्टिकल दिया है.

धांधली का आरोप
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने निजी स्कूलों में पढ़ा रहे अनट्रेंड शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए 2017 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान द्वारा डी एल एड का कोर्स 2017 से 2019 सत्र के लिए शुरू किया गया था. डीएलएड की परीक्षा मार्च के महीने में हुई थी और रिजल्ट 23 मई को आया था. रिजल्ट को लेकर डीएलएड अभ्यर्थी एनआईओएस के अधिकारियों पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं. अभ्यर्थियों को अब रिजल्ट में सुधार के लिए 15 सौ रुपए का ड्राफ्ट भी बनवाना पड़ रहा है.

कभी नहीं लगता हेल्पलाइन नंबर
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कंप्लेंट दर्ज कराने के बावजूद कंप्लेंट की कोई रिसीविंग नहीं मिल रही है. यहीं नहीं राज्य कार्यालय के बोर्ड पर संपर्क के लिए दिए गए सभी नंबर अवैध बताते हैं. संपर्क के लिए अगर मेल किया जाता है तो उसका भी कोई उत्तर नहीं आता है. जबकि ट्रेनिंग के दौरान बार-बार यह बताया जाता था कि कोई भी जानकारी चोहिए तो मेल किया जाए और उस पर संज्ञान भी लिया जाएगा.

कोऑर्डिनेटर पर फोड़ा ठीकरा
इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए पटना कार्यालय के असिस्टेंट डायरेक्टर चुन्नु प्रसाद ने पूरे मामले का ठीकरा साइबर कैफे और जिलों में डीएलएड अभ्यर्थियों का फॉर्म भरवाने वाले कोऑर्डिनेटर पर फोड़ा. चुन्नु प्रसाद ने कहा कि कहीं कोई धांधली नहीं हुई है यह बेबुनियाद आरोप है. सभी जिलों में कोऑर्डिनेटर को रिजल्ट के प्रकाशन से पहले प्रैक्टिकल के मार्क्स भरने के लिए कहा गया था.

इसके लिए डेट भी निकाली गई थी लेकिन उन लोगों ने नहीं भरा. अभ्यर्थियों को भी असाइनमेंट जमा करने और उसकी पूरी जानकारी देने को कहा गया था लेकिन ज्यादातर अभ्यर्थियों ने साइबर कैफे वालों पर सारी जानकारियां भरने के लिए छोड़ दी. इस मामले में उन लोगों ने ज्यादा जागरूकता नहीं दिखाई जिसके चलते ऐसा हो रहा है.

क्या कहते हैं कोऑर्डिनेटर
रिजल्ट में सुधार कराने के लिए पहुंचे बख्तियारपुर के कोऑर्डिनेटर ने बताया कि उन्होंने सब कुछ जमा किया है और अभ्यर्थियों के सारे कॉलम भरे थे इसके बावजूद रिजल्ट नहीं आया. अब कहा जा रहा है कि फिर से उसे अपलोड करें जिसे अब अपलोड करना मुश्किल है. डीएलएड रिजल्ट में गड़बड़ी के कारण हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है.

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