बक्सर: जिले में कोरोना काल के दौरान स्थगित हुए विटामिन-ए की छमाही गहन खुराक 23 दिसंबर से शुरू होने वाली है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने पूरी तैयारी कर ली है. अभियान के तहत जिले के 9 माह से लेकर पांच साल तक के दो लाख 23 हजार 720 बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जानी है. इसके लिए सभी प्रखंडों को लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है. सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाने और उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए यह निर्णय लिया है.
वहीं, दूसरी ओर राज्य कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह को पत्र लिखकर कार्यक्रम के लिए दिशा निर्देश जारी किया है. साथ ही एक पीपीटी भी भेजी गई है. जिसमें कार्यक्रम हेतु जिला, प्रखंड एवं ग्रामीण स्तर पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के तिथिवार क्रियान्वयन की जानकारी दी गई है.
आरोग्य दिवस के दौरान भी दी जाएगी दवा
जिला प्रतिरिक्षण अधिकारी डॉ राज किशोर सिंह ने बताया विटामिन-ए की छमाही खुराक वितरण कार्यक्रम 23 दिसंबर से 26 दिसंबर तक चलाया जाएगा. वहीं, 25 दिसंबर को क्रिसमस डे का राजकीय अवकाश होने के कारण स्थानीय स्तर पर सुविधानुसार एक दिन अभियान को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इस संबंध में माइक्रोप्लान तैयार करने और सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ‘ए’ दवा पिलाने के लिए आशा कार्यकर्ता पहले दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर, दूसरे दिन गृह भ्रमण, तीसरे दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर और चौथे दिन गृह भ्रमण करने की कार्ययोजना को बनाएंगी. साथ ही इस दौरान आरोग्य दिवस सत्रों के लिए आशा और अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपना तिथिवार माइक्रोप्लान अभियान के सात दिन पहले अपने संबंधित विभाग और वरीय अधिकारियों को सौपेंगे.
बच्चों को दी जाएगी दो एमएल खुराक
वहीं, कार्यक्रम के तहत 9 से 11 माह तक के बच्चों को एक एमएल और 12 से पांच माह के बच्चों को दो एमएल विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलानी है. नियमित टीकाकरण के दौरान बीते चार माह में जिन बच्चों को खसरे के टीके, बूस्टर डोज के साथ विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाई गई है. ऐसे बच्चों को अभियान के दौरान विटामिन-ए की खुराक नहीं दी जानी है. उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण को देखते हुये सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
कंटेनमेंट जोन में नहीं चलाया जाएगा अभियान
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने बताया कि कार्यक्रम के पहले जिले की सभी आशा और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसका आयोजन पीएचसी स्तर पर किया जाएगा. जिसमें बताया जाएगा कि आशा या अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क और ग्लब्स पहनना अतिआवश्यक है. वहीं, कार्यक्रम के दौरान बच्चे में सर्दी, खांसी, बुखार का लक्षण पाए जाने पर उन्हें स्वस्थ जांच के लिए नजदीकी स्वस्थ्य केंद्र पर भेजना जरुरी है. कोविड-19 कन्टेनमेंट क्षेत्र में इस गतिविधि का आयोजन नहीं करना है. ऐसे क्षेत्रों में परिस्थिति के अनुकूल होने के बाद ही विटामिन ‘ए’ अनुपूरण की गतिविधि आयोजित करनी है.