बक्सर:कोरोना काल में सबकी जान आफत में है. सवाल कोरोना होता तो उससे लड़ा जा सकता है. बिहार की जनता कोरोना से घर में रहकर लड़ ही रही है. जनता को मोदी सरकार पर भरोसा है. थाली पीटने को कहा तो पीट दिया, क्योंकि मोदी पर भरोसा है. दिया जलाने को कहा तो दीपावली मना दी, क्योंकि भरोसा है. लेकिन उस सिस्टम पर क्या भरोसा करें जिसे बक्सर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने खड़ा किया है.
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बक्सर की जनता तो यही जानती है कि मंत्री जी ने सारे इंतजाम पुख्ता किये हैं. जिस हथियार से लड़ाई लड़नी है, वो अगर कमजोर निकले तो क्या होगा? बक्सर में कुछ ऐसा ही तो हो रहा है. अस्पताल है, डॉक्टर नहीं. ऑक्सीजन है सिलेंडर नहीं, एंबुलेंस हैं पर दिखती नहीं, और जो दिखती है उसको उद्घाटन के लिए संजोकर रखा है. सारे इंतजाम हैं पर नदारद हैं. फिर आम इंसान कोरोना से जंग लड़े तो कैसे ? इसका जवाब कौन देगा?
ऐसी ही कुछ सवालों का जवाब देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के प्रतिनिधियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मुद्दा एक ही एंबुलेंस के बार-बार उद्घाटन का था. विपक्ष ने भी इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया. सियासी पारा गरम होता देख मंत्री अश्विनी चौबे की ओर से सफाई दी जाने लगी. लेकिन 'एंबुलेंस उद्घाटन कांड' में कुछ ऐसे सवाल हैं जिसके जवाब अधूरे रह गए. इसके क्या मायने हैं उसका अंदाजा आप स्वयं लगाइए.
- ईटीवी भारत का सवाल
ईटीवी भारत लगातार अपने सवालों के साथ स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष राजवंश सिंह से पूछा कि जिस एंबुलेंस का चौथी बार उद्घाटन किया गया है, उसमें जो स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं, उनकी नियुक्ति भारत सरकार या बिहार सरकार दोनों में से किसके द्वारा की गई ?
मंत्री के प्रतिनिधि का जवाब
अभी नियुक्ति नहीं की गई है. भारत सरकार, राज्य सरकार या निजी स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर कार्य की शुरूआत की गई है. बाद में इसका निर्णय किया जाएगा कि इस मोबाइल मेडिकल यूनिट पर किसको नियुक्त किया जाएगा.
- ईटीवी भारत का सवाल
जब टेक्नीशियन या अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति ही नहीं हुई, तो फिर जांच कैसे शुरू हो गई?
मंत्री के प्रतिनिधि का जवाब
तत्काल गांव-गांव में 36 प्रकार के जांच के लिए 4 मोबाइल मेडिकल यूनिट को रवाना किया गया है. जिस पर अश्विनी कुमार चौबे के माध्यम से टेक्नीशियन और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को रखा गया है, जिससे कि इस कोविड-19 काल में लोगों के घर-घर तक जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकें.
- ईटीवी भारत का सवाल
जिस जिले ने केंद्र सरकार में दो बार केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री दिया. जिस जिले का प्रभारी मंत्री बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं. वहां के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीमीटर की भी व्यवस्था नहीं हैं?
मंत्री के प्रतिनिधि का जवाब
आपका सवाल सही है, इसको लेकर मंत्री जी से बात करूंगा, क्योंकि अस्पतालों में कई पद खाली हैं. आने वाले समय में और कई अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा.
- ईटीवी भारत का सवाल
एंबुलेंस का कितनी बार उद्घाटन किया गया?