बक्सर:जिले के सेंट्रल जेल में 24 घंटे के अंदर 2 कैदियों की मौत के बाद से जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. जेल के सुरक्षाकर्मी कैदी विष्णु शंकर पांडे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे. जांच के बाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने पहले ही मौत हो जाने की बात कह कर शव ले जाने की बात कही.
बक्सर सेंट्रल जेल में 24 घंटे में 2 कैदियों की मौत, जेल प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल
हैरानी की बात ये है कि डॉक्टर के कहे अनुसार बक्सर सेंट्रल जेल के सुरक्षाकर्मी शव को अस्पताल से ले जाने के बजाए अस्पताल के अंदर बने कैदी वार्ड में ले जाने लगे. लेकिन सुरक्षाकर्मियों की नजर जैसे ही ईटीवी भारत के संवाददाता के कैमरे पर पड़ी वे शव को कैदी वार्ड के बाहर छोड़कर निकल गए.
पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल
हैरानी की बात ये है कि डॉक्टर के कहे अनुसार बक्सर सेंट्रल जेल के सुरक्षाकर्मी शव को अस्पताल से ले जाने के बजाए अस्पताल के अंदर बने कैदी वार्ड में ले जाने लगे. लेकिन सुरक्षाकर्मियों की नजर जैसे ही ईटीवी भारत के संवाददाता के कैमरे पर पड़ी वे शव को कैदी वार्ड के बाहर छोड़कर निकल गए. मौत के बाद भी कैदी का शव अस्पताल में बने कैदी वार्ड में रखने की वजह पूछे जाने पर पुलिसकर्मी गोल-मोल जवाब देने लगे. सुरक्षाकर्मी ने कहा कि यहां पहुंचने पर पता चला कि कैदी की मौत हो गई है. अब चूंकि कैदी का शव था इसलिए कैदी वार्ड में रखने जा रहे थे.
मृतक की बेटी ने जमकर काटा बवाल
मौत की सूचना पर सदर अस्पताल पहुंची मृतक की बेटी राज लक्ष्मी ने अस्पताल परिसर में जमकर बवाल काटा और तोड़फोड़ की. लोगों की काफी समझाने पर उसे शांत कराया जा सका. मृतक की बेटी ने पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जमीन विवाद में एक पक्ष से पैसा लेकर उन्हें थाने से ही जमानत दे दी. हमारे पास पैसे नहीं थे इस कारण मेरे पिता को जेल में बन्द कर दिया.
कैदी की मौत को लेकर सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ आर के गुप्ता ने बताया कि वो मृत अवस्था में ही लाया गया था. इसकी सूचना सुरक्षाकर्मियों को दे दी गई थी. कैदी वार्ड में उसके बाद भी ले जाने की क्या वजह थी वह तो जेल प्रशासन ही बताएगा.