बक्सर:दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Corona Omicron Variant) से हड़कंप मचा हुआ है. जहां अभी तक कोरोना के कई वेरिएंट आने से देश और दुनिया में पहले से ही डर बना हुआ था, तो वहीं इस नए ओमीक्रोन वेरिएंट के आने के बाद लोगों के अंदर और भी दहशत का माहौल बन गया है. ओमीक्रोन से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी युद्धस्तर पर तैयारी में जुटे हुए हैं. तीसरी लहर आने की संभावनाओं को देखते हुए सभी चिकित्सकों को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. वहीं बक्सर जिले में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए (Third Wave Of Corona Virus) 2 हजार एलपीएम के तीन ऑक्सीजन प्लांट (Three Oxygen Plants Installed In Buxar) लगाए गए है.
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ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित केस दुनिया में मिलने शुरू हो गए है. इस वेरियंट के बाद जानकार देश में तीसरी लहर की आशंका जाहिर कर रहे हैं. इसे देखते हुए सरकार और स्वास्थय विभाग लगातार लोगों से कोरोना का टीका लेने और एहतिहात बरतने की अपील कर रहा है. वहीं दूसरी ओर लोगों को एक बार फिर से इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं इस बार फिर रोजगार न छिन जाए.
बक्सर में लगाए गए तीन ऑक्सीजन प्लांट. ये भी पढ़ें:Omicron Variant : पहले पढ़ लें... तब हवाई यात्रा करें, पटना एयरपोर्ट पर बदला गया है कोरोना जांच का नियम कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की आने की संभावनाओं को देखते हुए बक्सर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिले में कुल 2 हजार एलपीएम के 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाए है. बक्सर सदर अस्पताल में जनप्रतिनिधियों के पहल पर एसजेवीएन कंपनी के द्वारा 500 एलपीएम का और प्रधानमंत्री केयर फंड से 1,000 एलपीएम का एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. जबकि डुमराव अनुमंडलीय अस्पताल में भी एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है.
बता दें कि 500 एलपीएम के ऑक्सीजन प्लांट से 40 बेड, जबकि 1 हजार एलपीएम के ऑक्सीजन प्लांट से 83 बेड़ कवर होगा. पूरे जिले में कुल 250 बेड तक ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगा. वहीं आधुनिक अरटीपीसीआर लैब में प्रतिदिन 1,500 लोगों का कोरोना जांच किया जा रहा है. पहले बक्सर जिले के लोग अरटीपीसीआर जांच के लिए पटना पर निर्भर थे. जिसका रिपोर्ट आने में 10-12 दिन का समय लग जाता था. वहीं अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सदर अस्पताल में ही आधुनिक अरटीपीसीआर लैब का निर्माण किया गया है. सिविल सर्जन द्वारा लैबकर्मी को एक दिन में 5 हजार अरटीपीसीआर जांच करने का लक्ष्य दिया गया है. जिससे कि अधिक से अधिक लोगों का जांच हो सके और यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है, तो उसी दिन से उसका इलाज शुरू हो जाए.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेवा घाट के आसपास और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, बलिया जिले के गंगा घाटों से 10 मई 2021 को सैकड़ों लावारिस शव पाए गए थे. विपक्षी पार्टी के नेता सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा रहे थे. उत्तर प्रदेश की सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा बिहार सरकार पर फोड़कर उन लाशों को बिहार की लाशें बता रही थी और बिहार की सरकार उन लाशों को उत्तर प्रदेश की बताकर अपना पल्ला झाड़ रही थी.
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के आने की संभावनाओं एवं तैयारियों को लेकर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ एवं डिप्टी सुपरिटेंडेंट भूपेंद्र नाथ ने बताया कि प्रदेश स्तर के अधिकारियों के साथ तीन दिन पहले मीटिंग हुई थी. जिले में कुल 59 लोग विदेशों से आए हुए हैं, जिनकी पहचान कर उनका कोरोना जांच किया जा रहा है. जिले के बक्सर और डुमराव अनुमंडल में लगभग 250 बेड पर ऑक्सीजन पहुंचाने की तैयारी है. जिसे देखते हुए तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए है. साथ ही अब अरटीपीसीआर जांच के लिए पटना पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी विदेश यात्रा से आए हुए 59 लोगों की तलाश कर उनकी जांच करने में लगे हुए है. जिनमें से अब तक 30 लोगों की ही पहचान हो पायी है, जो हाल ही में विदेशो से यात्रा कर बक्सर आये हैं. अभी भी 29 लोगों की पहचान करना बड़ी चुनौती बनी हुई है.
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