बक्सर:भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटिलेटर पर अपना अंतिम सांस गिन रहा है. यही कारण है कि जिले के बड़े अस्पताल से लेकर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र की हालात बद से बदतर हो गया है. लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र को मवेशियों का तबेला बनाकर उसमें गाय-भैंस बांधना शुरू कर दिया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी भी अनजान हैं.
मवेशियों का तबेला बना उप स्वास्थ्य केंद्र
जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर चौसा प्रखंड के बनारपुर पंचायत में 10 लाख 74 हजार की लागत से 3 साल पहले, उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था. लेकिन यह उप स्वास्थ्य केंद्र अब मवेशियों का तबेला बन गया है. जहां पर स्थानीय लोगों के द्वारा गाय-भैंस बांधकर खिलाया जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो महीना में कभी-कभार, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी इस उप स्वास्थ्य केंद्र पर आते हैं और 2-4 मिनट रुक कर चले जाते हैं. जिसके कारण यह उप स्वास्थ्य केंद्र पर असामाजिक तत्व के द्वारा गैर कानूनी काम किए जाते थे. जिसको देखते हुए आसपास के लोगों ने भैंस-गाय बांधकर खिलाना शुरू कर दिया. जिससे यह शराबियों का अड्डा न बन सके.
तीन वर्ष पहले हुआ था उद्घाटन
इस उपस्वास्थ्य केंद्र को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि 3 वर्ष पहले बड़े ही भव्य तरीके से उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन हुआ था. लेकिन आज तक इस उपस्वास्थ्य केंद्र से किसी भी ग्रामीण को दवा नहीं मिल पाया. यह उपस्वास्थ्य केंद्र कब खुलता है, कब बंद होता है, इसकी जानकारी तक नहीं होती है. केवल स्वास्थ्यकर्मी कभी कभार यहां आकर सेल्फी लेते हैं और अपने अधिकारियों को भेज देते हैं कि इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि बैंडेज पट्टी के लिए भी 14 किलोमीटर दूर बक्सर जाना पड़ता है. कितनी बार इसकी लिखित शिकायत बड़े अधिकारियों और केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से की गयी. उसके बाद भी इसकी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ.