बक्सर:बिहार में कोरोना जांच बढ़ाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि दूसरे फेज में 6 जिलों में आरटी-पीसीआर (RT-PCR) लैब लगाए जाएंगे. साथ ही एम्स पटना और नालंदा के पावापुरी स्थित वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एक-एक आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन को भी इंस्टॉल किया जाएगा. देश में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक का टेस्ट हो रहा है.
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''बिहार सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में सभी आवश्यक कदम उठाए हुए हैं. केंद्र और राज्य निरंतर सभी स्थितियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं. जांच की गति को भी तेज किया गया है और लोगों को शीघ्र रिपोर्ट मिले इसके लिए भी राज्य और केंद्र ने व्यापक कदम उठाए हैं. इस कड़ी में विभिन्न जिलों में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की जा रही है. इससे भविष्य में भी अन्य रोगों की जांच की जाएगी.''-अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री
कई जिलों में आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना इन जिलों में लगाए आरटीपीसीआर लैब
पहले फेज में एम्स सहित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मधेपुरा, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर, आईजीआईएमएस पटना, पीएमसीएच, राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पटना, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में आरटीपीसीआर की क्षमता अपग्रेड किया गया गया था. पीएम केयर्स फंड से मोतिहारी पूर्णिया और मुंगेर में आरटी-पीसीआर लैब को मूर्त रूप दे दिया है.
इन जिलों में लैब स्थापना की कवायद
केंद्रीय राज्यमंत्री के अनुसार अगले कुछ दिनों में बक्सर, कैमूर, गोपालगंज, बांका जिला अस्पताल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया, वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पावापुरी नालंदा में आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना की कवायद शुरू कर दी जाएगी. एम्स पटना एवं वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पावापुरी नालंदा में आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन भी स्थापित होगा.
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आरटी-पीसीआर जांच में आएगी तेजी
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने बताया कि आरटी-पीसीआर की व्यवस्था बिहार के अन्य जिलों में होने से जांच का परिणाम भी तेजी से आएगा. जो लक्ष्य केंद्र सरकार का है कि राज्य अधिक से अधिक आरटी-पीसीआर जांच करें उसमें भी काफी मदद मिलेगी. कैमूर, गोपालगंज, बेतिया, बांका, नालंदा, बक्सर आदि जगहों पर पर भी आरटीपीसीआर की व्यवस्था होने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को काफी सहूलियत हो जाएगी.