बक्सर:बिहार के बक्सर में डकैती की एक 30 साल पुराने मामले में शुक्रवार को एक बड़ा फैसलाआया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ विजेंद्र कुमार की अदालत ने कुल 9 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों को 10-10 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थ दंड नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा.
बक्सर में नौ लोगों को उम्रकैद: मामला सिमरी थाना क्षेत्र के तिलक राय के हाता गांव का है. जहां 17 अगस्त की रात बुधन यादव के घर 9 की संख्या में हथियारबंद डकैतों ने धावा बोल दिया था. डकैतों ने भीषण लूटपाट के बाद घर में जमकर उत्पात मचाई थी. जब इसका घरवालों ने विरोध किया तो डकैतों ने बुधन के दो परिजनों सरल व रामजन्म यादव को गोली मार जख्मी कर दिया था.
7 अगस्त 1993 को हुई थी डकैती:इस बाबत अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि "सिमरी थाना के तिलकराय हाता ओपी निवासी गुडन यादव के घर में 17 अगस्त 1993 को डकैती हुई थी. विरोध करने पर अपराधियों ने रामजन्म यादव व सरल यादव को गोली मारकर दी थी. जिससे वे बुरी तरह जख्मी हो गये थे. इसकी प्राथमिकी गुडन यादव ने दर्ज कराई थी."
बक्सर कोर्ट ने सुनाई सजा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद लालू अहीर,मगरु अहीर, बगेसर अहीर, गंगा सागर अहीर, बिलाड़ी अहीर, टेढ़ुआ उर्फ शिवसागर अहीर, बड़क अहीर, विजय अहीर व रघुवर पाठक इन नौ लोगों को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी है.