बक्सरः बिहार के बक्सर मेंखनन इंस्पेक्टर आकाश पांडे के वाहन पर हमला हुआ है, जिसमें इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आईं हैं. दरअसल खनन इंस्पेक्टर आकाश पांडे सुबह 4 बजे बक्सर से यूपी में हो रहे लाल बालू के काले कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए निरीक्षण पर निकले थे. इसी दौरान बालू माफियाओं ने उनके वाहन पर ईंट पत्थर से चौतरफा हमला कर दिया. इस दौरान पत्थर का एक टुकड़ा उनके सिर से जा टकराया, जिसमें वह मामूली रूप से चोटिल हुए हैं. हमले के बाद वाहन में ही छुपकर चालक और अधिकारी ने जान बचाया.
Buxar News: बालू माफियाओं ने किया खनन इंस्पेक्टर के वाहन पर हमला, गाड़ी में छुपकर बचाई जान - बक्सर न्यूज
बिहार में बालू माफियाओं के हौसले काफी बुलंद हैं. कुछ महीने पहले राजधानी पटना में महिला खनन अधिकारियों पर हुए हमले के बाद अब बक्सर में भी खनन इंस्पेक्टर पर हमला हुआ है. बक्सर में निरीक्षण करने निकले खनन इंस्पेक्टर के वाहन पर ईंट पत्थर से पत्थराव किया गया. जिसके बाद अधिकारी किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकले.
खनन इंस्पेक्टर के सिर में लगी चोटः घटना के बाद खनन इंस्पेक्टर ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी. जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. हालांकि किसी भी बालू माफिया को पुलिस नहीं पकड़ पाई है. जिस कारण खनन विभाग का अधिकारी दहशत में है. हमले में वाहन के बैक लाइट का शिशे टूट गया है. घटना की जानकारी देते हुए खनन इंस्पेक्टर आकाश पांडे ने बताया कि सुबह 4 बजे निरीक्षण करने के लिए राजपुर के इलाके में निकला था. जंहा से बड़े पैमाने पर बालू का तस्करी बिहार के बक्सर से यूपी में होता है. गाड़ी जैसे ही रोहिणी भान की तरफ बढ़ी उसी समय हमला हुआ.
"सुबह 4 बजे निरीक्षण करने के लिए निकले थे. बालू माफियाओं को पकड़े जाने का डर सताया होगा. इसी कारण वाहन पर ईंट पत्थर से हमला कर दिया. जिसमें गाड़ी के शीशे टूट गये और पत्थर का एक टुकड़ा सिर से टकरा गया. वरीय अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई है"- आकाश पांडेय, खनन इंस्पेक्टर
'वरीय अधिकारियों का नहीं मिलता है सहयोग':वहीं, विभागीय आधिकारिक सूत्रों की माने तो बालू माफियाओं पर कार्रवाई करने में ना तो वरीय अधिकारी खुलकर मदद करते हैं और ना ही पुलिस साथ देती है. जिसके कारण छोटे पदाधिकारियों पर अक्सर इस तरह के हमले होते हैं. कार्रवाई करने के दौरान छोटे पदाधिकारियों को भेजकर वरीय अधिकारी खुद ऐसी कमरे में बैठकर आराम फरमाते हैं और घटना हो जाने के बाद भी कोई बड़ा एक्शन नहीं लेते हैं. जिसके कारण बिहार की राजधानी पटना से लेकर दूरदराज के इलाकों तक इन बालू माफियाओं का आतंक चरम सीमा पर है.