बक्सरः बिहार के बक्सर में 9 दिवसीय सनातन संस्कृति समागम (Sanatan Sanskriti Samagam End In Buxar) कार्यक्रम समाप्त हो गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान भी मौजूद रहे. हालांकि कार्यक्रम के अंतिम दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के भी आने की चर्चा थी लेकिन संभवत: सुरक्षा कारणों से वे नहीं पहुंचे. इस समारोह से भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं और भोजपुरी के स्टार कलाकारों भी नहीं पहुंचे. बीजेपी के नेताओं ने इसे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Minister Ashwini Kumar Choubey) का निजी कार्यक्रम बताया है. वहीं, अब विज्ञापन और प्रचार के लिए जिनके नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए उनके नहीं आने से कई सवाल उठ रहे हैं.
ये भी पढे़ंःसनातन संस्कृति समागम से योगी आदित्यनाथ ने बनाई दूरी, राज्यपाल होंगे समापन समारोह के मुख्य अतिथि
नेताओं के नाम पर खर्च किए गए करोड़ों रुपयेःविश्वामित्र की पावन नगरी बक्सर से 2 किलोमीटर दूर अहिल्या के उद्धार स्थली में 7 नवम्बर से 15 नवम्बर तक चलने वाले इस सनातन संस्कृति समागम कार्यक्रम में आने वाले बीजेपी के जिन बड़े नेताओं के नाम पर बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए थे, स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाये गए थे, विज्ञापन के नाम पर लाखों खर्च किये गए उनमें से एक भी नेता इस मंच पर नहीं पहुंचे. सभी ने दूरी बनाकर रखा. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की माने तो यह सनातन संस्कृति समागम बीजेपी का नही केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का निजी कार्यक्रम था. जिसके कारण पार्टी के कई नेताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी, हालांकि व्यक्तिगत सम्बन्ध के आधार पर कुछ पूर्व और वर्तमान मंत्रियों ने इस कार्यक्रम में जरूर शिरकत की.
नहीं आये एक भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रीः9 दिनों तक चलने वाले सनातन संस्कृति समागम में बीजेपी के फ़ायर ब्राण्ड नेता सह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, एकनाथ शम्भा जी शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्रो पुष्कर सिंह धामी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, के अलावे उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक,महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, को शामिल होना था, लेकिन सभी ने इस सनातन संस्कृति समागम से खुद को किनारे कर लिया. जबकि इनके नाम के बैनर, पोस्टर, तोरण द्वार एवं विज्ञापन में करोड़ों रूपये खर्च किए गए.