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रहें सावधान.. बक्सर में सुखाड़ के बीच अब बाढ़ का खतरा.. डरा रही है गंगा की धारा..

बक्सर में सुखाड़ के साथ ही अब बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है. जिले में सूखाड और बाढ़ का नजारा एक साथ दिखाई दे रहा है. जुलाई महीने में 263 एमएम की जगह मात्र 20 एमएम बारिश हुई है, जिसके कारण 50 प्रतिशत किसान खेतो में धान की रोपनी नहीं कर पाए हैं. वही दूसरी तरफ गंगा नदी अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के लिए मचल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर में सुखाड़ के साथ ही अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा
बक्सर में सुखाड़ के साथ ही अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा

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Published : Aug 20, 2022, 7:56 PM IST

बक्सर:बिहार के बक्सर में बाढ़ का खतरा(Flood In Buxar) मंडराने लगा है. गंगा अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के लिए मचल रही है, गंगा का जलस्तर (Rising Water Level Of Ganga In Buxar) चेतावनी बिंदु के पास पहुंचा गया है. बढ़ते गंगा की जलस्तर पर सदर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि इलाके में प्रशासनिक अधिकारी निरन्तर निरीक्षण कर रहे हैं. अगले 48 घण्टे बक्सर जिले के लिए अहम है. राहत एवं बचाव को लेकर पूरी तैयारी की गई है. वहीं जिले में 263 एमएम की जगह जुलाई महीने में मात्र 20 एमएम ही बारिश हुई है. जिससे किसानों को फसल बोने में भारी कठिनाई हुई हैं, 50 प्रतिशत किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए हैं. खेतीहर सरकार से जिले को सूखा घोषित करने के लिए मांग कर रहे हैं.

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बक्सर में बाढ़ का खतरा :बक्सर में सुखाड़ के साथ ही अब बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है. जिले में गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब चेतावनी बिंदु के पास पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर 59.070 पहुंच गया. जबकि चेतावनी बिंदु 59.32 है. बताया जा रहा है कि प्रति घंटे 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. गौरतलब है किप्रत्येक साल जिले का 5 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित होता है. जिले के चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर प्रखंड के लगभग 20 पंचायत में बाढ़ प्रत्येक साल तबाही मचाता है. सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी धान, अरहर, मक्का, सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. जान-माल की भारी नुकसान होने के साथ ही लोगों के आशियाने गंगा नदी में समाहित हो जाता है. आजादी से लेकर अब तक किसी भी सरकार ने इससे बचने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. बाढ़, राहत के नाम पर हजारों करोड़ की राशि सरकार निर्गत तो करती है लेकिन वो बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच पाता है.

दियारा इलाके में फैलने लगा है बाढ़ की पानी :दियारा इलाके में धीरे-धीरे बाढ़ का पानी चारों तरफ फैलने लगा है. खेतों में लगी फसल डूबने लगी है, जिसके कारण मवेशियों के लिए चारा जुटाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के सिमरी प्रखंड के रहने वाले किसान अजय गिरी ने कहा कि- 'इस साल सूखे ने कमर तोड़ दिया और जब पानी की जरूरत है तो बारिश नहीं हो रही है. गंगा नदी अचानक अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के लिए मचल रही है. जो निचले इलाके हैं, वहां के खेतों में गंगा नदी का पानी प्रवेश करना शुरू कर दिया है. प्राकृतिक का ऐसा क्रूर चेहरा हमने अपने पूरे जीवन में नहीं देखा था. 100 मीटर की दूरी पर बाढ़ और सुखाड़ दोनों का नजारा एक साथ दिखाई दे रहा है. कहीं पानी के बिना फसल खेतों में सूख रही है और कहीं पानी से फसल सड़ने लगी है. इसी तरह गंगा के जलस्तर बढ़ता रहा तो अगले 24 घंटे से 48 घंटे के अंदर गांव में पानी प्रवेश कर जाएगा.'

'अगले 48 घंटे बक्सर के लिए सबसे अहम है. बाढ़ पूर्व जो तैयारी जिला प्रशासन को करना होता है, वह सभी तैयारी पूरी है. चौसा प्रखण्ड के बनारपुर के इलाके में विशेष नजर रखी जा रही है. क्योंकि वहां गंगा नदी का पानी सबसे पहले गांव में प्रवेश करता है. राहत कैंप लगाने के लिए स्थल चिन्हित कर लिया गया है. गंगा नदी में नाव की परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध है. गंगा नदी में स्नान करने की मनाही है, साथ ही सिविल सर्जन को जरूरत की सभी दवाओं को सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया है. जिन इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करेगा, वहां से लोगों को निकालकर ऊंचे स्थानों पर लाने के लिए स्पेशल वोट की व्यवस्था की गई है. जिलेवासी संयम रखें, उम्मीद है कि 1-2 दिन में गंगा नदी का जलस्तर नीचे गिरना शुरू हो जाएगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी.'- धीरेंद्र मिश्रा, एसडीएम


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