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Buxar News: अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर और पैथोलॉजी में छापा, DM के निर्देश पर एक्शन

बक्सर डीएम अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर अवैध अल्ट्रासाउंड जांच घरों के खिलाफ एक्शन लिया गया है. 9 अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील किया गया है. हालांकि कई संचालक अपने सेंटर पर ताला लगाकर फरार हो गए थे. वहीं छापेमारी से अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी और निजी नर्सिंग होम के संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है.

बक्सर में 9 अल्ट्रासाउंड सेंटर सील
बक्सर में 9 अल्ट्रासाउंड सेंटर सील

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Published : May 23, 2023, 9:53 AM IST

बक्सर:बिहार के बक्सर जिले में अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड और जांच घरों पर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल का एक्शन शुरू हो गया है. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के बक्सर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने लिखित रूप से इसकी शिकायत की थी. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने का निर्देश देने के साथ ही अवैध रूप से चल रहे निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और जांच घरों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. अब डीएम के सख्त निर्देश पर जिले के विभिन्न इलाकों में अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी लैब में छापेमारी की गई.

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छापेमारी के दौरान 9 अल्ट्रासाउंड सेंटर सील: जांच में बड़े पैमाने पर अनियमित तरीके से संचालित 20 निबंधित और 4 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की गई. जिसमें से 5 निबंधित और 4 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड को सील किया गया. कई ऐसे अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजिकल लैब थे, जिनमें चिकित्सक मौजूद नहीं थे अथवा उनमें ताला बंद था.

ताला बंदकर संचालक फरार:प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से पैथोलॉजी संचालकों में हड़कंप मच गया है. कई पैथोलॉजी संचालक तो अपनी दुकान बंदकर फरार हो गए. हालांकि इस दौरान कई लैब जांच में मानक पर खरे उतरे हैं.

कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं पैथोलॉजी सेंटर:बता दें कि जिले में सैकड़ो अल्ट्रासाउंड का संचालन विभिन्न इलाकों में हो रहा है. अकेले डुमरांव अनुण्डल में 100 से अधिक अल्ट्रासाउंड खुल गए हैं. आकड़ों की मानें तो सिर्फ 10 के पास ही निबंधन है. वहीं जिनके पास निबंधन है, वो भी मानक को पूरा नहीं करते है. जानकारों का कहना है कि अधिकांश लैब बिना डाक्टर और तकनीशियन के ही संचालित हो रहे है. जहां न तो मरीजों की ठीक से जांच की जा रही हैं और न ही उनकी रिपोर्ट ही सही आ रही है. अधिक मुनाफे के लिए लिंग परीक्षण करने से भी परहेज नहीं करते हैं.

बक्सर में मात्र 44 के पास लाइसेंस:बक्सर और डुमरांव अनुमंडल में मात्र 44 अल्ट्रासाउंड संचालकों के पास ही लाइसेंस है, जबकि हजारों अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी जांच घर और निजी नर्सिंग होम चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग सिविल सर्जन कार्यालय और वरीय अधिकारियों के कार्यालय में तैनात कर्मियों के संरक्षण में ही इन तमाम अवैध निजी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी जांच घर को चलाए जा रहे हैं. जहां स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई होने से पूर्व ही उनको सूचना दे दी जाती है. जिसके एवज में उनको मोटी रकम मिलती है. यही कारण है कि जहां सिविल सर्जन, डिप्टी सुपरिटेंडेंट बैठते हैं, उससे 5 कदम की दूरी पर अवैध अल्ट्रासाउंड जांच घर पैथोलॉजी जांच घर धड़ल्ले से चल रहे हैं और कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. आलम यह है कि निजी जांच घर वाले सदर अस्पताल के अंदर से मरीज को निकालकर निजी जांच घर में लेकर जा रहे हैं और पूरा महकमा खामोश है, क्योंकि सारा खेल कमीशन से जुड़ा बताया जाता है.

रोक के बावजूद हो रहा है भ्रूण परीक्षण:जानकारों की मानें तो शहर में अवैध तरीके से संचालित हो रहे जांच घरों में रोक के बावजूद धड़ल्ले से भ्रूण परीक्षण किया जा रहा है, जोकि अल्ट्रासाउंड संचालकों की गाढ़ी कमाई का मुख्य जरिया है. स्वास्थ विभाग और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से वर्षों से ये धंधा फल-फूल रहा था. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि सील किए गए अल्ट्रासाउंड संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

"जिलाधिकारी के निर्देश पर कई अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजिकल लैब में छापेमारी की गई. जहां कई प्रकार की अनियमितताएं पाईं गईं है. कुछ सेंटर्स को सील भी किया गया है. सील किए गए अल्ट्रासाउंड संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है. यह कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी"- विनोद कुमार, सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी

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