बिहार

bihar

बक्सर: 80 प्रतिशत बच्चों को पिलाई गई पोलियो की दवा

By

Published : Feb 4, 2021, 3:06 PM IST

बक्सर में पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि अब जिले में 80 फीसदी बच्चों को दवा पिलाई जा चुकी है.

पोलियो
पोलियो

बक्सरः पोलियो से सभी बच्चों को बचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान चलाकर दवा पिलाई जा रही है. जिले में 2.85 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. जिले में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यकर्ता पोलियो की दवा पिला रहे हैं.

80 प्रतिशत बच्चों को दी गयी पोलियो की खुराक
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया कि 0 से 05 साल के सभी बच्चों को बचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. बुधवार तक विभाग ने निर्धारित लक्ष्य का लगभग 80 प्रतिशत पूरा कर लिया है. अभियान के अंतिम दिन तक उसे शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए विभाग ने 717 पोलियो टीम नियुक्त किए हैं. हर टीम में एक आंगनबाड़ी सेविका और एक आशा कार्यकर्ता हैं. उनके कार्य की निगरानी 227 पर्यवेक्षकों द्वारा की जा रही है. कार्यक्रम को सफल करने के लिए विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को यह सख्त निर्देश है कि उनके कार्यक्षेत्र में घर-घर जाकर एक-एक बच्चे दवा पिलाएं. ताकि कोई भी बच्चा न छूटने पाये और जिला पोलियो को पूरी तरह उखाड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें-पटना में बढ़ सकते हैं 12 वैक्सीनेशन सेंटर, 31 जनवरी से 5 फरवरी तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान

2.85 लाख बच्चों को दी जाएगी पोलियो की खुराक
31 जनवरी से 4 फरवरी तक चलने वाले पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान में जिले के कुल 2 लाख 85 हजार बच्चों को खुराक दिया जाएगा. जिनमें से लगभग 2 लाख 10 हजार बच्चों को पोलियो की खुराक दी जा चुकी है. अभियान के अंतिम दिन तक शेष बचे हुये बच्चों को भी इसकी खुराक मिल जाएगी. स्वास्थ्य विभाग सतर्कता से जिले के सभी चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर भी निगरानी बनाए हुये है . ताकि एक भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से न बचे.

कोरोना मानकों का हो रहा पालन
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पल्स पोलियो अभियान के दौरान कोरोना सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा जा रहा है. सभी आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका क्षेत्र-भ्रमण के दौरान मास्क प्रयोग कर रही हैं. दवा पिलाते वक्त दो गज की सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है. ग्लब्स लगा कर बच्चों को दवा पिलाई जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details