बक्सर:बिहार के बक्सर में नहाए खाये के साथ चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा (Great Festival Of Folk Faith Chhath Vrat) की शुरुआत हो गई है. जिला प्रशासन के द्वारा विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट के रूप में बनाया गया है. और नाथ बाबा घाट को इस बार प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है. कोई भी छठ व्रती गंगा घाट पर प्लास्टिक का थैला या प्लास्टिक से बने अन्य (Chhath Puja 2022) सामग्री को लेकर नहीं पहुंचेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. गंगा घाटों को अच्छे तरीके से सजाया गया है. जिससे की छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी ना हो.
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फल सूप दउरा से पटा बाजार :कोरोना काल के बाद पहली बार व्यापक पैमाने पर इस बार छठ व्रत मनाया जा रहा है. शहर के वीर कुंवर सिंह चौक से लेकर सब्जी मंडी, ज्योति चौक, सिंडिकेट नहर, पीपरपति रोड, सत्यदेव मिल रोड, किला मैदान, फल, सूप, दउरा से पट गया है. हालांकि बाजार पर इस बार महंगाई का भी असर ज्यादा दिखाई दे रहा है. पिछले बार की अपेक्षा इस बार 30 से 50% तक अधिक राशि का भुगतान लोगों को करना पड़ रहा है. गंगा के बढ़े जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा पहले से ही सभी छठ घाटों पर गंगा किनारे गोताखोरों को तैनात कर दिया गया है. गौरतलब है कि शहर के रामरेखा घाट पर बिहार के अलावे उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, नेपाल के अलावे विदेशों में रहने वाले बिहार के लोग छठ व्रत करने के लिए आते हैं. उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद डूबते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ महापर्व को संपन्न करते हैं.