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लॉकडाउन इम्पैक्ट: वातावरण में बदलाव से फसलों का बढ़ेगा उत्पादन, किसानों में खुशी

लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में आई कमी से वातावरण की शुद्धता में काफी इजाफा हुआ है. इसका सबसे ज्यादा फायदा, कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में देखने को मिलेगा. लॉकडाउन के प्रभाव को लेकर कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक रामकेवल ने बताया कि 2 महीने से अधिक समय तक जो देश में लॉकडाउन रहा उसके दूरगामी और सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे.

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Published : Jun 22, 2020, 2:11 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 3:16 PM IST

बक्सर: कोरोना वायरस के संक्रमण से देशवासियों को बचाने के लिए 2 महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन लागू किया गया. इस कारण भले ही लोगों को परेशानियां उठानी पड़ी हो, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम देशवासियों के हित में होंगे.

लॉकडाउन से प्रदूषण में आई कमी
लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में आई कमी से वातावरण की शुद्धता में काफी इजाफा हुआ है. इसका सबसे ज्यादा फायदा, कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में देखने को मिलेगा. लॉकडाउन के प्रभाव को लेकर कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक रामकेवल ने बताया कि 2 महीने से अधिक समय तक जो देश में लॉकडाउन रहा उसके दूरगामी और सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे.

सब्जी का बढ़ा उत्पादन

लॉकडाउन में गंगा का पानी हुआ निर्मल
उन्होंने कहा कि इससे भले ही देशवासियों परेशानी उठानी पड़ी है, अर्थव्यवस्था चरमरायी है. लेकिन इसके दूरगामी लाभ भी मिलेंगे. जिस गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए हमारी सरकार ने करोड़ों रूपये खर्च किए. लेकिन उसके बाद भी गंगा नदी का जल साफ नहीं हुआ. लेकिन इस लॉकडाउन में गंगा का पानी भी निर्मल हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लॉकडाउन का सबसे ज्यादा लाभ कृषि और पशुपालन को
वैज्ञानिक रामकेवल ने बताया कि अप्रैल-मई के महीने में हुई बारिश के कारण इस बार सब्जी, आम और दूसरी फसलों का उत्पादन भी काफी अच्छा हुआ है. आने वाले समय में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा लाभ कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में देखने को मिलेगा जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

आम के फलों पर भी सकारात्मक प्रभाव

वातावरण में आए बदलाव से किसान काफी उत्साहित
साथ ही लॉकडाउन के कारण मौसम और वातावरण में आए बदलाव से किसान भी काफी उत्साहित हैं. किसान यह अनुमान लगा रहे हैं कि अच्छी बारिश होने पर खरीफ फसलों के उत्पादन में भी काफी बढ़ोतरी होगी.

Last Updated : Jun 22, 2020, 3:16 PM IST

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