बक्सर: जिले के चौसा गंगा घाट पर दर्जनों शव नदी में तैरते मिलने के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल सा आ गया है. विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. भाकपा माले के विधायक अजित कुमार ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
'ना यह लाशें उत्तर प्रदेश की है और ना ही बिहार की, यह लाशें उस डिजिटल हिंदुस्तान की है, जो विकास का आडंबर तो करता है. लेकिन अपने लोगों की जान बचाने के लिए जरूरत के दवा तक उपलब्ध नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में भी अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाओं का घोर किल्लत है. यह लाशें उस बदरंग हिंदुस्तान की है, जिसके कुर्सी पर बैठ यहां की सरकार और नेता नरसंहार करा रहे हैं. लाशों को सीमाओं में बांधकर देखना कहीं से भी उचित नहीं है': अजीत कुमार सिंह, विधायक, भाकपा माले
गंगा घाटों पर ही मिट्टी में दफन कर दिए गए सैकड़ों लाशों को लेकर अब भी जिला प्रशासन के अधिकारी यह कहते नजर आ रहे हैं कि यह लाशें उत्तर प्रदेश की है. एसडीएम केके उपाध्याय ने कहा कि इस बात की तफ्तीश जारी है कि इतनी संख्या में लाशें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, बनारस, गाजीपुर या फिर अन्य किस जगह से बक्सर पहुंची है और मरने वाला कौन है. हालांकि अभी तक किसी की पहचान नहीं हो पाई है.