बक्सरः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा. एनडीए के उम्मीदवार नीतीश कुमार के नाम पर तो महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के सहारे अपनी चुनावी नैया को पार लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं क्षेत्र की जनता सरकार और जनप्रतिनिधियों के 2015 में किए गए वादों की लंबी सूची बनाकर पहले से तैयार है. जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के 3 लाख 31 हजार 661 मतदाता 494 मतदान केंद्रों पर 15 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
क्षेत्र में है समस्याओं का अंबार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में 222 ऐसे वार्ड है जहां सात निश्चय योजना के तहत एक भी वार्ड में नल जल का काम नहीं हुआ है. साल 2009 में बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सिमरी प्रखंड व ब्रह्मपुर प्रखंड के आर्सेनिक वाले इलाके में शुद्ध पेयजल की सप्लाई के लिए 100 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 11 साल बाद भी यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई.
पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं लोग
नीतीश सरकार ने हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा चुनाव जितने के बाद पूरा नहीं किया. इससे मजबूरन आज भी ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने के लिए मजबूर हैं. इस इलाके में दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां के लोग आज भी पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं. गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. लोग मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न इस ओर किसी ने ध्यान दिया और न ही अब तक समस्या का निदान हुआ.