बक्सरःकोरोना ने भारत के साथ-साथ विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में भी तबाही मचायी है. उसके बाद भी कुछ राजनीतिक पार्टी के नेता अब इस वैश्विक महामारी को भी गरीबी और अमीरी के जाल में उलझा कर रख दिया है. आपदा की इस घड़ी में लोगों की मदद करने की बजाय लोग सियासत करना ही मुनासिब समझ रहे हैं. इन दिनों बक्सर में भी कुछ ऐसा ही सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है.
कोरोना पर जारी है सियासी उठापटक, एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे नेता
एक तरफ देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने तबाही मचाई हुई है, तो वहीं, राजनितिक पार्टियों में सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है. राजनितिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर ही आरोप लगा रहे हैं.
क्या कहते हैं राजद जिलाध्यक्ष
वैश्विक संकट की इस घड़ी में सरकार और सिस्टम पर सवाल उठाते हुए राजद जिला अध्यक्ष शेषनाथ यादव ने कहा कि सारे संसाधन सरकार के पास होने के बाद भी गरीब भूख से मर रहे हैं और कोई पूछने वाला भी नहीं है. यह बीमारी पूंजीपतियों और बड़े लोगों को नहीं होगा क्योंकि उनके पास सारे संसाधन हैं. जिनके पास सारे संसाधन हैं उनको कोरोना कैसे होगा. उसके बाद भी गरीबों को इस महामारी से बचाने के लिए यह सरकार कुछ नहीं कर रही है.
क्या कहती है बीजेपी जिलाध्यक्ष
राजद जिलाध्यक्ष के इस सियासी बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर ने पलटवार करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा की इस घड़ी में भी कुछ लोगों को चेहरा चमकाने का मौका मिल गया है. लेकिन उनको अपने नेता का चाल चरित्र को भी याद कर लेना चाहिए. साथ ही शेषनाथ यादव 1990 के दौर को भी याद कर लें जब उनकी पार्टी के नेता फिरौती के लिए कैसे मासूमों को भी नहीं छोड़ते थे. शाम ढलते बेटियां सहम जाती थी और गरीबों के जमीन पर कैसे ये लोग कब्जा कर लेते थे.