बक्सर :बिहार में दिन दहाड़े हो रही हत्या, बलात्कार, बैंक डकैती से हर कोई परेशान है. लोगों को एक बार फिर 1990 के दशक का जंगलराज याद आने लगा है. जब सूर्यास्त होने से पहले ही बक्सर जिले के राजपुर प्रखण्ड समेत कई इलाके में लोग घरों का दरवाजा बंद कर लेते थे. पूरा जिला ठहर सा जाता था. पुलिस थाने के कैम्पस में ही खुद को कैद कर सुबह होने का इंतजार करती थी. एक बार फिर अपराधियों के आगे पुलिस लाचार दिख रही है. यही कारण है कि न्यायालय के आदेश के बाद भी बक्सर में 5388 जबकि पूरे बिहार में 53 हजार से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार (Police Headquarter Bihar) करने में पुलिस नाकाम रही है.
ये भी पढ़ें- समस्तीपुर में एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने की खुदकुशी, फंदे से लटकती मिलीं लाशें
आरटीआई से हुआ खुलासा: बक्सर के जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने इस बात की खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध कराया गया उसमें आंकड़े हकीकत बयां कर रहे हैं. न्यायालय के आदेश के बाद भी जिले में 5 हजार 388 ऐसे अपराधी हैं जिनकी गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर रही है. जबकि पूरे बिहार में ऐसे 53 हजार अपराधी जिनकी गिरफ्तारी कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस नही कर रही है.
क्या कहते जदयू के नेता: क्षत्रिय जनप्रतिनिधि सम्मान समारोह में पहुँचे जदयू एमएलसी सह पूर्व प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि, बिहार में सुशासन की ही सरकार है. 1990 वाली सरकार में पत्रकारों का ही अपहरण कर लिया जाता था. हम लोग जब उस समय के मुख्यमंत्री से कहकर पत्रकार को छुड़वाने जाते थे, तो वहां से तय होता था कि पत्रकार शाम को या फिर सुबह में अपने घर पहुँच जाएगा. आज वह हालात नहीं है. सिवान में क्या हुआ? वह किसी से छुपा नहीं है. हमारी सरकार न बचाती है और ना ही फंसाती है.
'याद है आप लोगों को पहले मीडिया वालों को उठा लिया जाता था. हम लोगों ने लालू यादव को डेलीगेट्स बनाकर पत्रकारों को झुड़वाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के पास जाते थे. वहां आश्वासन मिलता था शाम को छूट जाएगा. हमारी नीतीश सरकार किसी को ना तो फंसाती है और ना ही बचाती है. पुलिस की कार्यशैली पर सरकार की नजर है.'- संजय सिंह, जदयू एमएलसी सह पूर्व प्रदेश प्रवक्ता