बिहार

bihar

ETV Bharat / state

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से खुशी लेकिन शिक्षा स्थली के सौंदर्यीकरण न होने से मायूसी भी, 'विश्वामित्र की धरती' का कब होगा विकास? - राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

Ram Rekha Ghat in Buxar: राम की जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इसे लेकर बक्सर के लोगों में खुशी तो है लेकिन शिक्षा स्थली के सौंदर्यीकरण न होने से मायूसी भी है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 16, 2024, 1:25 PM IST

रामरेखा घाट पर जलेगा 51 हजार दीप

बक्सर:अयोध्या में राम मंदिर का 22 जनवरी को उद्घाटन हो रहा है, जिसे लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. बक्सर वासियो में इस समारोह को लेकर उत्साह के साथ मायूसी भी है. लोगों ने बक्सर की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस बक्सर ने बाल रूपी भगवान श्री राम को पराक्रमी राम बनाया उस जगह राम के नाम पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है. यहां राम से जुड़े तमाम स्थलों पर अब भू माफियाओं ने कब्जा करना शुरू कर दिया है, जिससे इन धार्मिक स्थलों का अस्तित्व खतरे में है. इसे लेकर जनप्रतिनधियों और अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है.

महर्षि विश्वामित्र के आश्रम में मिली शिक्षा

शिक्षा स्थली की हो रही है उपेक्षा: त्रेतायुग में ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का अत्याचार बढ़ गया था. जिसके बाद महर्षि विश्वामित्र अयोध्या पहुंचे और महाराज दशरथ से अनुमति लेकर भगवान राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आए. जंहा भगवान राम ने ताड़का सुबाहु जैसे राक्षसों का वध किया. जबकि मारीच राक्षस सात समुंदर पार जाकर गिरा था. इस भगवान राम ने महर्षि विश्वामित्र के आश्रम में शिक्षा ग्रहण की और नारी हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तरायणी गंगा की तट पर स्नान कर पांच कोशी की परिक्रमा यात्रा की थी.

दीवारों पर बनाई गई है कलाकृतियां

अहिल्या का किया था उधार: त्रेतायुग से चली आ रही इस परंपरा का निर्वाहन आज भी लोग करते है. प्रत्येक साल अगहन मास में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बक्सर पहुंचकर पंचकोशी यात्रा में भाग लेते है. पंचकोशी परिक्रमा यात्रा के अपने पहले पड़ाव में भगवान राम ने गौतम ऋषि के आश्रम अहिरौली में पहुंचकर पत्थर बनी अहिल्या का अपने चरण स्पर्श से उधार किया था. पांचवे एवं अंतिम पड़ाव में वो बक्सर पहुंचे थे जहां लिट्टी-चोखा का भोग लगाया था. विश्राम सरोवर पर विश्राम कर जनकपुर धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए गए और धुनष को तोड़कर सीता से विवाह किया.

राम रेखा घाट की खराब स्थिति
क्या कहते है स्थानीय लोग: अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर, बक्सर वासियों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि"यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है कf एक बार फिर रामराज की कल्पना की जा रही है लेकिन दुख इस बात का है कि जिस बक्सर ने भगवान राम को पराक्रमी बनाया उसका विकास नहीं हो रहा. हम लोग प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होकर, बक्सर के ही रामरेखा घाट पर 51 हजार दीप जलाएंगे, गंगा महाआरती करेंगे." Byte स्थानीय लोग

ABOUT THE AUTHOR

...view details