बक्सर: जिले में इन दिनों कुत्तों और बंदरों का आतंक चरम पर है. आलम यह है कि सदर अस्पताल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में 7 हजार 996 लोग वहीं, जनवरी 2020 में अब तक 3 हजार से अधिक लोग एआरबी का इंजेक्शन लगवा चुके हैं. सदर अस्पताल में एआरबी का इंजेक्शन लेने पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर है कि घर के छतों पर चढ़ना छोड़ दिए हैं. बंदर घर में घुसकर बच्चों पर हमला ना कर दे इसके लिए दरवाजे खिड़की भी बंद करके रहना पड़ता है.
बक्सर में बंदरों का आतंक, छत पर चढ़ने से भी डरते हैं लोग - People of Buxar are troubled
सदर अस्पताल में एआरबी का इंजेक्शन लेने पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर है कि घर के छतों पर चढ़ना छोड़ दिए हैं.
'प्रत्येक दिन लगभग 150 मामले'
सदर अस्पताल में एआरवी का इंजेक्शन लेने पहुंचे कृपा शंकर तिवारी ने कहा कि आवारा कुत्तों का जनसंख्या इस कदर बढ़ा है की गली में इंसान दिखे ना दिखे कुत्ते जरूर दिखाई देते हैं. वहीं, अस्पताल में लोगों को एआरबी का इंजेक्शन देने का कार्य संभालने वाली स्वास्थ्यकर्मी बिंदु राय ने बताया कि इन दिनों बंदर और कुत्तों के काटने का मामला बहुत ज्यादा सामने आ रहा है. प्रत्येक दिन कम से कम लगभग 65 से डेढ़ सौ लोग एआरबी का इंजेक्शन लेने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं.
'पिछले साल लगभग 8 हजार मामले दर्ज'
वर्ष 2019 में बंदर और कुत्ता काटने का आंकड़ों की जानकारी देते हुए बक्सर के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. केके राय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में 7 हजार, 996 मामला दर्ज किया गया है.