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'बक्सर थर्मल प्लांट क्षेत्र में इकट्ठा न हों प्रदर्शनकारी', HC ने सौंपी डीएम को जिम्मेदारी - पटना हाईकोर्ट

Buxar thermal Power Plant : पटना हाईकोर्ट ने 11 हजार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर लगाम लगाने का निर्देश जिला कलेक्टर को सौंपा है. कोर्ट ने साफ किया कि ये प्रोजेक्ट आम जनात से जुड़ा हुआ है. इसके लाभार्थी ज्यादातर आम जनता है. इस क्षेत्र के अंदर कोई प्रदर्शनकारी इकट्ठा न होने पाए. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 19, 2024, 8:57 AM IST

पटना/बक्सर : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने ग्यारह हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 1320 मेगावाट बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्टके खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर पूरी तरह लगाम लगाने का आदेश बक्सर के जिलाधिकारी को दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने डीएम को उन क्षेत्रों पर निरंतर निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि प्रदर्शनकारी प्लांट क्षेत्र के अंदर एवं उन क्षेत्रों में इकट्ठा न हों सके, जहां वाटर कॉरिडोर के साथ-साथ रेल कॉरिडोर का कार्य चल रहा है.

'डीएम निरंतर करें निगरानी' : हाई कोर्ट ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक महत्व के कार्य हैं. लाभार्थी बड़े पैमाने पर आम जनता हैं. सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रदर्शनकारियों की ओर से किसी भी काम में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकें. कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया. बता दें कि बक्सर थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ विरोध में क्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसान उग्र हो गए थे.

बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट का मामला : 11 जनवरी 2023 को इसके लिए उग्र आंदोलन हुआ. प्रदर्शनकारी किसानों ने थर्मल पावर के गेट पर खड़े वज्रवाहन को फूंक दिया. इस मामले में किसानों का कहना था कि मुआवजा 2012-13 के रेट में दिया जा रहा है. इससे नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया. 10 जनवरी की रात पर प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया जिसका आक्रोश अगले दिन सुबह पावर प्लांट पर फूटा.

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