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बक्सर: बेमौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें बर्बाद

किसानों का कहना है कि जिले के जगदीशपुर पंचायत में लगभग 3 हजार एकड़ जमीन में धान की खेती की गई थी. धान काटकर खलिहान में रखा गया था लेकिन समय पर क्रय केंद्र से उसे नहीं खरीदा. अब नुकसान होने के बाद कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं आ रहे हैं.

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Published : Dec 16, 2019, 11:09 AM IST

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सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें बर्बाद

बक्सर:जिले में कुदरत ने कहर बरपाया है. 12 दिसंबर की रात हुई बारिश ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. बेमौसम बरसात होने से खलिहान में रखी फसलें भीग गईं. खेत भी जलमग्न हो गये हैं. कहीं आकाशीय बिजली गिरने से फसलें जलकर राख हो गई. ऐसे में किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

किसानों का कहना है कि कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया है कि पूरी फसल पानी में डूब गई. इनका कहना है कि जमींदार से कर्ज लेकर मालगुजारी पर खेती की थी लेकिन आखिरी वक्त में सारी सफल बर्बाद हो गई. ऐसे में अब वो कर्ज कैसे चुकाएंगे, इसकी चिंता उन्हें खाई जा रही है.

पेश है रिपोर्ट

धान की फसलें बर्बाद
जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर बक्सर प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत में लगभग 3 हजार एकड़ में धान की खेती की गई थी. धान काटकर खलिहान में रखा गया था लेकिन समय पर क्रय केंद्र से उसे नहीं खरीदा. अब नुकसान होने के बाद कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं आ रहे हैं.

धान बचाने की जद्दोजहद में लगे किसान

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अधिकारियों की लापरवाही
गौरतलब है कि सितंबर महिने में आई बाढ़ के कारण दियारा इलाका में सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी, जिसका ना तो कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा अब तक सर्वे कराया गया और ना ही किसानों को मुआवजा ही दी गई. जाहिर है, जब कृषि विभाग के पास 4 महीने पहले बर्बाद हुई फसलें का कोई आंकड़ा नहीं है तो तीन दिन पहले हुई बारिश से बर्बाद फसलों का आंकड़ा कैसे रहेगा. सवाल है कि लापरवाह सिस्टम में बैठे बेपरवाह अधिकारियों के खामियाजा का दंड आखिर किसानों को ही क्यों भुगतना पड़ता है.

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