बक्सर:इंटरमीडिएट उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शामिल नहीं होने वाले 84 शिक्षकों को उप विकास आयुक्त ने निलंबित कर दिया है. सरकार की कार्रवाई को लेकर शिक्षकों में रोष बढ़ता जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार दमनात्मक रवैया अपना रही है.
बक्सर: निलंबन कार्य से शिक्षकों में आक्रोश, बोले- नहीं चलेगी दमनकारी नीति
मंगलवार को उपविकास आयुक्त अरविंद कुमार ने 84 शिक्षकों को कल निलंबित कर दिया. उपविकास आयुक्त के कार्रवाई से शिक्षकों में नाराजगी है. गया शिक्षक स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह के प्रतिनिधि ब्रजेश कुमार ने कहा कि डीडीसी अपने अधिकार से बाहर काम कर रहे हैं. मामले को लेकर हम हाईकोर्ट भी जाएंगे.
प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी
गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले 17 फरवरी से ही नियोजित शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. वहीं, 25 फरवरी से माध्यमिक स्कूलों के नियोजित शिक्षक भी हड़ताल पर हैं. बता दें कि हड़ताल के दौर में ही मैट्रिक परीक्षा संपन्न कराई गई. वहीं, शिक्षकों के अभाव में इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में बाधा हो रही थी. इसी क्रम में नगर थाने में कुल 177 शिक्षकों के खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
'अधिकार से बाहर काम कर रहे हैं डीडीसी'
साथ ही मंगलवार को उपविकास आयुक्त अरविंद कुमार ने 84 शिक्षकों को कल निलंबित कर दिया. उपविकास आयुक्त की कार्रवाई से शिक्षकों में नाराजगी है. गया शिक्षक स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह के प्रतिनिधि ब्रजेश कुमार ने कहा कि डीडीसी अपने अधिकार से बाहर काम कर रहे हैं. मामले को लेकर हम हाईकोर्ट भी जाएंगे. ऐसे में मानकर चलना गलत नहीं होगा कि सरकार और शिक्षकों की लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है.