बक्सर:बिहार में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिया (Education Department Gave Instructions to Teachers) है. गुरु जी अब सिर्फ बच्चों की शिक्षा दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलाने वालों पर नकेल भी कसेंगे. शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों ने आपत्ति जताई है. जिले के महिला एवं पुरुष शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक का काम है पढ़ाना और उनकी नियुक्ति स्कूलों में पढ़ाने के लिए हुई थी, ना की शराब और शराबियों की सूचना एकत्रित करने के लिए, राज्य सरकार को इस आदेश को वापस ले लेना चाहिए.
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''जब हमारी नियुक्ति हुई थी उस समय स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही साथ निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यह विभाग का नया आदेश शिक्षकों के गले की फांस है. दूसरे दूसरे जिलों से हम लोग यहां पर पढ़ाने के लिए आए हुए हैं और यदि किसी शराब माफियाओं को इस बात की भनक लग गई कि किसी शिक्षक ने उनके खिलाफ पुलिस को सूचना दी है, तो हमारे साथ वह क्या करेंगे, इस बात को सोचकर ही घबराहट होती है. जिन शराब तस्करों के खिलाफ बड़े-बड़े लोग नहीं बोल पा रहे हैं, उनके खिलाफ महिला शिक्षक क्या बोलेगी.''-लालत्ती सिंह, शिक्षिका
''बिहार तो ऐसे ही शिक्षा के मामले में दिन प्रतिदिन पिछड़ते जा रहा है. उसके बाद भी शिक्षकों से जनगणना, राशन कार्ड, इलेक्शन, मानव श्रृंखला समेत एक दर्जन विभाग का काम कराया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. वैसे भी शराबबंदी कानून को लेकर शिक्षक लोगों को जागरूक कर ही रहे हैं, अब एक नई जो जिम्मेवारी दी जा रही है तो शिक्षक शराब खोजने में ही घूमते रहेंगे, तो स्कूल में बच्चों को कोई क्यों भेजेगा. फिर तो निजी स्कूल की तरफ लोग रूख करेंगे और निजी स्कूल संचालकों की चांदी ही चांदी होगी.''-अशोक राम, शिक्षक