बक्सर: कुपोषण के शिकार बच्चों के मामले में बिहार की गिनती देश के सबसे खराब स्थिति वाले राज्यों में होती है. राज्य के 40 फीसदी से अधिक बच्चों को सही पोषण नहीं मिल पाता, जिसके चलते उम्र के साथ उनका विकास नहीं होता.
कुपोषित बच्चों को सही पोषण मिल सके इसके लिए राज्य सरकार पोषण पुनर्वास केंद्र चलाती है. इन केंद्रों पर इलाज के साथ बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाता है, लेकिन सरकारी अधिकारियों की लालफीताशाही के चलते जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा. बक्सर में इसकी बानगी दिखती है.
चार माह से बंद है पोषण पुनर्वास केंद्र
बक्सर के सदर अस्पताल में कुपोषित बच्चों के लिए राज्य सरकार द्वारा 2011 में पीपीपी मोड में लाखों रुपए खर्च कर पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई थी. 2020 में राज्य सरकार ने इसे खुद चलाने का निर्णय लिया. जिला स्वास्थ्य समिति को आदेश दिया गया कि स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों की देख-रेख में पोषण पुनर्वास केंद्र चलाया जाएगा. खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. उस आदेश के 4 माह बाद भी पोषण पुनर्वास केंद्र चालू नहीं किया जा सका.