बक्सर में गर्मी बढ़ने से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या. बक्सरः बिहार में गर्मी (Bihar Heat Wave) से जीना मुहाल है. लू लगने के कारण अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि प्रशासन ने 20 मौत की पुष्टि की है. इधर, बक्सर में भी लोग गर्मी से परेशान हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ते जा रही है. आलम यह है कि सभी बेड फूल होने के बाद लोग जमीन पर लेटकर इलाज करा रहे है. अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी के बीच भी लोगों का इलाज करते-करते स्वास्थ्यकर्मी खुद बीमार पड़ जा रहे हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर दवा काउंटर पर कतारे लगी रहती है.
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जिले में सरकारी आंकड़ों में एक भी मौत नहींःसदर अस्पताल के सरकारी रजिस्टर में दर्ज मौत के आंकड़ों को देखा जाए तो 14 जून से लेकर 19 जून तक 25 वैसे लोग हैं, जिनकी मौत सदर अस्पताल में आने से पहले ही रास्ते में हो गई है. जिसे डॉक्टरों ने ब्रॉड डेड घोषित किया है. जबकि अस्पताल में 21 लोगों की इलाज के दौरान मौत हुई है. स्वास्थ्यय विभाग की माने तो एक भी मौत लू लगने से नहीं हुई है. हालांकि बक्सर में स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसा कोई भी यंत्र नहीं है जिससे यह पता चल सके कि सभी की मौत लू से हुई है. यही कारण है कि डक्टरों ने एक भी लू से मौत होने का आंकड़ा जारी नहीं किया है.
लू की दवा की खपत 10 गुणा बढ़ीःसदर अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट राजीव रंजन ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से लू की दवा की खपत कई गुणा बढ़ गई है. खासकर पैरासिटामोल, जिंक ओआरएस एवं डीएस आदि दवाओं की मांग सभी सरकारी स्वास्थ्यय केंद्र पर बढ़ी है. दवा की कोई कमी नहीं है. अस्पतालों में दवा का स्टॉक है. गर्मी के कारण लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं.
"गर्मी बढ़ने के कारण लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं. यही कारण है कि अस्पतालों में दवा की खपत बढ़ गई है. पिछले एक सप्ताह में दवा की खपत 10 गुणा बढ़ गई है. सभी सरकारी स्वास्थ्यय केंद्र में दवा स्टॉक में है." -राजीव रंजन, फार्मासिस्ट, सदर अस्पतालगर्मी अपने चरम सीमा परः सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर योगेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. परिजन अपने मरीज को लेकर अस्पताल आ रहे हैं. उसमें से कई ऐसे लोग हैं, जिनकी मौत अस्पताल में आने से पहले ही रास्ते में हो जा रही है. कई की इलाज के दौरान मौत हो जा रही है. गर्मी अपने चरम सीमा पर है. अस्पताल आने वाले लोगों को बेहतर से बेहतर इलाज करने की कोशिश की जा रही है.
"गर्मी अपने चरम सीमा पर है, यही कारण है कि लोग ज्यादा बीमार हो रहे हैं. कई लोगों की मौत तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो जा रही है. कई लोगों की मौत इलाज के दौरान भी हुई है. अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है." - डॉ योगेंद्र कुमार, चिकित्सक, सदर अस्पताल
"लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. सावधान रहने की जरूरत है. 10 बजे दिन के बाद बेवजह लोग घर से बाहर न निकले. अति आवश्यक कार्य हो तो ही निकले. पूरे शरीर को कपड़े से ढककर निकले और अपने साथ पानी का बोतल रखें, अधिक से अधिक पानी का सेवन करें और कम से कम धूप में निकलें. यह कोई महामारी नहीं है. जैसे ही तापमान गिरेगा सब कुछ सामान्य हो जाएगा."-डॉ भूपेंद्र नाथ, प्रभारी सिविल सर्जन
श्मशान घाट पहुंचे रही लाशेंः गौरतलब है कि बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट में भी दाह संस्कार के लिए आने वाले शवो की संख्या में कई गुणा इजाफा हुआ है. पहले जहां 32 से 35 शव ही सामान्य दिनों में आता था, वहीं अब इसकी संख्या बढ़कर 120 तक पहुंच जा रही है. हालांकि प्रशासन ने अब तक लू लगने से एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जिस तरीके से लोगों की मौत हो रही है, यह कोरोना काल की याद दिला रही है.