बिहार

bihar

ETV Bharat / state

रघुनाथपुर नहीं अब ब्रह्मेश्वर नाथ स्टेशन कहें जनाब

बक्सर के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण (Beautification of Baba Brahmeshwar Nath Temple) के शिलान्यास के बाद अब रघुनाथ पुर रेलवे स्टेशन का नाम बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ करने की रेल मंत्रालय की तरफ स्वीकृति मिल गई है.

Breaking News

By

Published : Aug 8, 2022, 2:19 PM IST

बक्सर : बक्सर को छोटी काशी कहा जाता है और यहां धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने बक्सर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण और रघुनाथ पुर स्टेशन का नाम बाबा ब्रम्हेश्वर नाथ के नाम पर करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था. डीएम ने बताया कि प्राचीन और महत्वपूर्ण होते हुए भी पहले यह मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड (Religious Trust Board) से अनुबंधित नहीं था. सबसे पहले इसे अनुबंधित कराया गया. फिर इसके सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया, जिसे सरकार ने स्वीकृति दे दी. जिलाधिकारी ने कहा कि बक्सर में धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism in Buxar) की अपार संभावनाएं हैं, जिसे देखते हुए अभी और स्थलों का विकास किया जाएगा. यह अभी पहला चरण है.

ये भी पढ़ें :- धार्मिक मंच पर बिछी 'सियासी बिसात', क्या आने वाले वक्त में बदलेगी बक्सर की राजनीति?

बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण :बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास कर बक्सर को करीब नौ करोड़ रुपये की सौगात दी थी. इस राशि से ब्रह्मपुर में पर्यटन विभाग की ओर से सुप्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा. जिला प्रशासन की पहल पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि रघुनाथ पुर स्टेशन का नाम बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ करने के लिए रेल मंत्रालय को पत्र लिखा गया है और अब रेल मंत्रालय की ओर से इस संदर्भ में हरी झंडी मिल गई है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे कई बार इस पौराणिक मंदिर में गए हैं. ऐसे में इस मंदिर के विकास की जरूरत भी थी. बहुत अच्छा होगा कि इस मंदिर का विकास हो ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सकें.

खुद ब्रह्माजी ने स्थापित किया है शिव लिंग: मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए झारखंड के वरिष्ठ नेता सरयू राय और झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जी बी पाठक के योगदान का भी बार-बार जिक्र किया. तालाब के सौंदर्यीकरण, पार्क निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण जैसी योजनाओं का शिलान्यास किया गया. मंदिर के पुजारियों ने बताया कि यह इस मंदिर में स्थापित शिव लिंग खुद ब्रह्मा जी ने स्थापित किया है. इसका वर्णन शिव पुराण और स्कन्द पुराण में मिलता है. एक मान्यता यह भी है कि प्रायः शिव मंदिरों का दरवाजा पूरब की ओर होता है किंतु इस मंदिर का दरवाजा पश्चिम की तरफ है.

मंदिर का दरवाजा हो गया था पूरब से पश्चिम : इसके बारे में किंवदंती है कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर इस मंदिर को तोड़ने मुगलिया सैनिक आए तो यह शर्त लगी कि यदि मंदिर का दरवाजा पूरब से पश्चिम हो जाएगा तो नहीं तोड़ा जाएगा.सुबह में जब देखा गया तो मंदिर का दरवाजा पश्चिम की तरफ हो गया था. इस प्रकार यह मंदिर नहीं तोड़ा गया. ऐसे में कहा जा सकता है कि बक्सर जिसे एक धार्मिक क्षेत्र के रूप मान्यता है, छोटी काशी का उपनाम मिला है. अगर इसी तरह धार्मिक स्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाए तो काशी से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह छोटी काशी भी धार्मिक पर्यटन का आकर्षक और महत्वपूर्ण केंद्र बन सकती है.

ये भी पढ़ें :- बक्सर में मुंडन संस्कार कराने आए हजारों श्रद्धालु, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई

ABOUT THE AUTHOR

...view details