बक्सर:जिले के डुमरांव में रिटायर्ड फौजी के बेटे के हत्याकांड पुलिस के लिए अब भी एक अबुझ पहेली बनी हुई है. घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस आज भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. इस हत्या के कारण एक ओर जहां विभिन्न दल के नेताओं का पीड़ित परीवार से लगभग हर रोज मिलने पहुंच रहे हैं, वहीं, जिले के लोगों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है.
DGP से लेकर DIG कर चुकें है दौरा
धीरे-धीरे हाई प्रोफाइल हो चुके इस हत्याकांड में जांच करने सबसे पहले शाहाबाद रेंज के DIG राकेश कुमार राठी और ADG CID विनय कुमार पहुँचे. इसके अगले दिन बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय भी पहुंचे.लेकिन फिर भी ममाले में पुलिस किसी ठोस अंजाम तक नहीं पहुंच पाई. हलांकी, मामले में दो लड़कों की गिरफ्तारी जरुर हुई है. लेकिन पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई.
पुर्व फौजी के बेटे के हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने साधा था प्रशासन पर निशाना
हत्याकांड के अब तक नहीं सुलझने के कारण कई दलों के नेताओं ने अपने-अपने तर्क के हिसाब से राज्य और जिला प्रशासन को जमकर कोसा. दो दिन पहले राजद नेता भाई एक ओर जहां राजद नेता भाई दिनेश पहुँचे थे, तो वहीं बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और किसी जमाने में नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी परिजन के जख्मों पर मरहम लगा चुके है.
क्या है मामला
दरअसल, डुमरांव टेक्सटाइल्स मोहल्ला निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी का 13 वर्षीय बेटा पिछले 7 अगस्त से लापता था. काफी खोजबीन के बाद जब आशीष नहीं मिला तब उसके परिजनों ने डुमरांव थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद करीब 17 दिन लापता किशोर का शव एक अर्धनिर्मित मकान से बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. इस घटना के बाद परिजनों के साथ साथ आम लोगों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया और इस घटना की निंदा की.