बक्सर:कोरोनाकी दूसरी लहर में लोगों को अधिक सतर्क रहने की निरंतर सलाह दी जा रही है. कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार अधिक लोग अस्पतालों तक पहुंच भी रहे हैं. हालांकि हल्के या बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव करते हुए संशोधित गाइडलाइन जारी किया है.
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डॉक्टर को करना होगा प्रमाणित
गाइडलाइन में सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह नहीं दी गई है. होम आइसोलेशन के लिए इलाज कर रहे चिकित्सक के द्वारा चिकित्सकीय जांच के आधार पर हल्के/बिना लक्षण वाले मरीज के तौर पर प्रमाणित करने की जरूरत को अनिवार्य बताया गया है. ऐसे मामलों में मरीज के घर पर सेल्फ आइसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.
मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 24x7 आधार पर उपलब्ध रहना चाहिए. मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीबी लोगों को चिकित्सक के परामर्श के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोक्विन प्रोफाईलैक्सिस लेनी चाहिए.
ऐसे मरीज को न रखें होम आइसोलेशन में
कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले और कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आइसोलेशन में नहीं रहने की सलाह दी गई है. 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और कमजोर फेफड़े/गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं उनमें कोरोना की पुष्टि होने पर चिकित्सक की अनुमति के बाद ही होम आइसोलेशन में रहने की बात कही गई है.
10 दिन तक भरें निगरानी चार्टगाइडलाइन में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीज को 10 दिन तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गई है. निगरानी चार्ट में प्रत्येक दिन के शरीर के तापमान, ह्रदय गति और ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर को नापकर भरने की सलाह दी गई है. निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भी भरने की बात कही गई है. पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल गन से ऐसे लें सही रीडिंग
घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरूरी माना गया है. इसके लिए घर में पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल गन रखने की सलाह दी गई है.
पल्स ऑक्सीमीटर को चालू करने पर यह सुनिश्चित करें कि स्क्रीन पर संख्या दिख रही हो. हाथ के बीच वाली अंगुली को ऑक्सीमीटर में सही तरीके से डालें. पल्स का पता लगाने और स्क्रीन पर ऑक्सीजन के स्तर की सही रीडिंग के लिए कुछ सेकंड इंतजार करें. यदि ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम हो तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
गलत रीडिंग से बचने के लिए नेल पॉलिश लगी अंगुली से जांच न करें. थर्मल गन से तापमान मापने के लिए इसे हथेली से पकड़कर 6 इंच की दूरी पर रखें और तापमान को रिकॉर्ड करने के लिए निर्धारित बटन को दबाएं. यदि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट है या इससे अधिक है तो इसे बुखार माना जाता है. किसी दूसरे व्यक्ति को थर्मल गन देने से पहले इसे सैनिटाइज जरूर करें.
रोगी और उसकी देखभाल करने वाले इन बातों का रखें ध्यान
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. मरीज दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे और भांप ले सकते हैं. रेमडेसिवीर इंजेक्शन या इस तरह की अन्य दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. ऐसी दवाओं को खरीदकर घर में न रखें और खुद से इंजेक्शन न लें.
गाइडलाइन में कोविड रोगी को घर के एक कमरे में रहने और विशेषतौर पर परिवार में मौजूद गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए कहा गया है. कमरे में पर्याप्त ताजी हवा की मौजूदगी और इसके लिए वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी गई है.
इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरूरी
- सांस लेने में तकलीफ होने पर
- ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
- छाती में लगातार दर्द का बने रहने या अचानक बढ़ जाने पर
- मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर
होम आइसोलेशन के बाद दोबारा जांच करने की नहीं जरूरत
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं. होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करें और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाएं.
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