बक्सर:बिहार में रक्षाबंधन के दिन भी स्कूल खुलेरहे. हालांकि शिक्षकों की तो सौ फीसदी उपस्थिति रही लेकिन छात्र नाम मात्र के आए. रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक नाराज हैं. फैसला वापस नहीं होने की सूरत में हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं. वहीं, बक्सर दौरे पर आए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार से इस बारे में पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर साल में 365 दिन स्कूल और कॉलेज को बंद कर देंगे तो देश कहां जाएगा. जहां तक बच्चों की कम उपस्थिति का सवाल है तो हमने स्कूलों में जाकर निरीक्षण नहीं किया है.
ये भी पढ़ें: Bihar School Holiday : रक्षाबंधन के दिन स्कूल खुले हैं.. छात्र नहीं पहुंचे, शिक्षक काली पट्टी बांधकर आदेश की प्रति जला रहे हैं
क्या छुट्टी रद्द करने के फैसले को वापस लेगी सरकार?: शिक्षकों की नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि सरकार बेहतरी के लिए कोई कदम उठाती है. बच्चे पढ़े, इसलिए तो विद्यालय आने के लिए उनको प्रोत्साहित किया जाता है. उन्होंने कहा कि छुट्टियों के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शायद कोई फैसला लिया है. हालांकि अभी उनको इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन जो भी हालात होंगे, हमलोग उससे निपटने की कोशिश करेंगे.
"मैं इसकी जांच करता तब तो पता चलता कि बच्चे स्कूल में हैं या नहीं. ज्ञान के लिए अगर सरकार पहल करती है कि विद्यालय चलो और विद्यालय में पढ़ो, ये अच्छी बात है लेकिन उसके बारे में माननीय मुख्यमंत्री जी ने शायद कोई फैसला लिया है. हालांकि ये अभी जानकारी में नहीं है. जो कुछ होगा, हमलोग उससे निपटने की कोशिश करेंगे"-श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग
विपक्ष के आरोपों पर मंत्री का पलटवार:वहीं छुट्टियों को लेकर विपक्ष के सवाल उठाने पर श्रवण कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष से सवाल पूछा जाना चाहिए कि काम करना चाहिए अथवा नहीं. बच्चों को ज्ञान अर्जित करना चाहिए या नहीं. अगर साल में 365 दिन स्कूल और कॉलेज को बंद करें और छुट्टी घोषित कर दें तो देश कहां जाएगा. राखी के दिन भी जीविका दीदी काम कर रही हैं. देश और बिहार को मेहनत करने वाले लोग चाहिए. आरोप लगाने वालों से कहिये कि चादर ओढ़कर साल भर सोए रहें, जैसे नौ सात तक सोए थे.
अन्य कर्मचारियों की तुलना में शिक्षकों को कितनी छुट्टी?:नए फरमान के मुताबित सितंबर से दिसंबर के बीच स्कूलों में कुल 11 छुट्टियां रहेंगे, पहले ये संख्या 23 थी. अगर मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश से तुलना करें तो पता चलता है कि शिक्षकों को काफी कम छुट्टी मिलती है.
कर्मचारियों की छुट्टियों की संख्या कितनी?: मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 5 दिवसीय कार्य दिवस होते हैं. 52 शनिवार, 52 रविवार, अवकाश 104 दिन, अर्जित अवकाश 30 दिन, औपबंधित अवकाश 2 दिन, आकस्मिक अवकाश 14 दिन और सार्वजनिक अवकाश 23 दिन होते हैं, यानी कुल अवकाश की संख्या 173 दिन है. अगर बैंक कर्मचारियों की बात करें तो 173-28 ( पहला और चौथा शनिवार) 145 दिन का अवकाश होता है.
शिक्षकों को मिलती है 128 छुट्टियां:वहीं, सरकारी विद्यालय के शिक्षक के अवकाश की बात करें तो रविवार अवकाश 52 दिन, अर्जित अवकाश शून्य, औपबंधित अवकाश शून्य, आकस्मिक अवकाश 16 दिन और सार्वजनिक अवकाश 60 दिन के होते हैं. इस तरह से कुल अवकाश की संख्या 128 दिन है.
बाकी कर्मचारियों से अधिक ड्यूटी करेंगे शिक्षक:इस आंकड़े से साफ जाहिर होता है कि दोनों में 173-128 यानी 45 दिन और 145-128 यानी 17 दिन का अंतर है. अर्थात इस सत्र मे शिक्षक बाकी कर्मचारियो की अपेक्षा 45 दिन और बैंक कर्मियों की अपेक्षा 17 दिन अधिक कार्य करेंगे, जबकि राज्य कर्मचारियों को मिलने वाली किसी प्रकार की कोई सुविधा मसलन चिकित्सकीय आदि उन्हें प्राप्त नहीं है.